मुजफ्फरपुर. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ गयी है. मुजफ्फरपुर की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ एक मुकदमें में आरोप तय कर दिया है. आचार संहिता उल्लंघन के इस मामले में जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर 2019 में मुकदमा दर्ज हो रखा है. इसी मुकदमे की सुनवाई के दौरान मंगलवार को उपेंद्र कुशवाहा मुजफ्फरपुर स्थित विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मीनापुर में एक सभा के दौरान उनपर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप है. इस मामले में वे पुलिस के स्तर से मिली जमानत पर थे. मंगलवार को कोर्ट ने उनकी जमानत को स्वीकार कर लिया. विशेष एमपी एमएलए कोर्ट ने उपेंद्र कुशवाहा के विरुद्ध आरोप तय कर दिया है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 7 जुलाई निर्धारित की है.
दरअसल, साल 2019 के लोगसभा चुनाव के दौरान मीनापुर में चुनावी सभा आयोजित की गयी थी. जिला प्रशासन की तरफ से चुनावी सभा के लिए उन्हें सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक का समय दिया गया था, लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा निर्धारित समय से अधिक वक्त तक सभा को संबोधित किया था. 4 बजे सभा समाप्त होनी थी, लेकिन 4.45 तक उपेंद्र कुशवाहा भाषण देते रह गये थे.
इसी को लेकर उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लनघंन का केस दर्ज कराया गया था. जांच के बाद मीनापुर पुलिस ने 15 फरवरी 2020 को स्पेशल कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. उपेंद्र कुशवाहा के वकील राजेश कुमार उर्फ बच्चा पटेल के मुताबिक दिसंबर 2019 में जमानत दे दी गयी थी. इसी जमानत को आगे जारी रखने के लिए उन्होंने कोर्ट से अपील की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.
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