नागालैंड विधानसभा चुनाव में इस बार जदयू भी अपने उम्मीदवार उतार रही है. लेकिन चुनाव के ठीक पहले नीतीश कुमार की पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. जदयू नागालैंड के बड़े नेता कितोहो एस रोतोखा सहित कई नेताओं ने चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का दामन थाम लिया है. जदयू ने कितोहो एस रोतोखा को विधानसभा चुनाव में खड़ा करने का निर्णय लिया था. पार्टी ने उन्हें घासपानी-II निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था. अब चुनाव से ठीक पहले रोतोखा और उनके समर्थकों का लोजपा (रामविलास) की सदस्यता लेना किसी बड़े झटके से कम नहीं है.
दरअसल जदयू राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लगातार दूसरे राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में लगी है. ऐसे में नागालैंड का चुनाव जदयू के लिए अहम है. नगालैंड में फिलहाल जदयू का एक विधायक है. इसके साथ ही बिहार और अरुणाचल प्रदेश में जदयू के विधायक हैं. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने की शर्तों में से एक शर्त यह है कि कम- से -कम चार राज्यों में पार्टी को विधानसभा चुनाव में छह प्रतिशत वोट मिलना चाहिए या चार राज्यों में पार्टी को क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त होना चाहिए. लेकिन नागालैंड में जदयू को लग रहे झटके चुनाव में उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं. चिराग पासवान की तरफ से जेडीयू को झटका मिलने से पहले बीजेपी ने नागालैंड के विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था.
नागालैंड राज्य में जनता दल यूनाइटेड की लगभग पूरी राज्य इकाई को छोड़कर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सदस्यता ग्रहण करने वाले सभी साथियों का पार्टी में हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।@Jduonline pic.twitter.com/0ca01LdP3G
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) February 4, 2023
जेडीयू से नागालैंड विधानसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट कितोहो एस रोतोखा ने शुक्रवार की सुबह अपने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ दी और शाम होते होते रोतोखा के साथ पार्टी के कई और नेताओं ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का दामन थाम लिया. बता दें कि जदयू ने नागालैंड में अपने चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है. इसके तहत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह राज्य के कई इलाकों में चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. ललन सिंह ने तो अपने सम्बोधन में यह भी कहा है कि बिना जदयू के सहयोग के नागालैंड में कोई सरकार नहीं बन पाएगी.