JDU का मिशन UP: सत्येंद्र पटेल होंगे नए संयोजक,5 लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य, जानें क्यों महत्वपूर्ण है यूपी
JDU का मिशन UP: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के सपा के साथ गठबंधन करने की घोषणा के बाद ये साफ हो गया है कि पार्टी भाजपा के सुरक्षित प्रदेश उत्तर प्रदेश में सेंध लगाने की पूरी तैयारी कर रही है.
JDU का मिशन UP: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के सपा के साथ गठबंधन करने की घोषणा के बाद ये साफ हो गया है कि पार्टी भाजपा के सुरक्षित प्रदेश उत्तर प्रदेश में सेंध लगाने की पूरी तैयारी कर रही है. ऐसे में पार्टी ने अब वहां नया प्रदेश अध्यक्ष सह संयोजक की भी नियुक्ति कर दी है. ललन सिंह ने बताया कि यूपी के जदयू प्रदेश अध्यक्ष अनूप पटेल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. उनके सुझाव पर मिर्जापुर वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी सत्येंद्र पटेल को पार्टी संयोजक नियुक्त किया गया है.
अगले तीन महीने में यूपी में जदयू बनायेगा पांच लाख सदस्य
ललन सिंह ने कहा कि अगले तीन महीने में यूपी में जदयू पांच लाख सदस्य बनाने का अभियान चलायेगा. पांच लाख सदस्य बनने के बाद पार्टी के संविधान के मुताबिक संगठन के चुनाव आयोजित किये जायेंगे और उसके बाद प्रदेश में नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति की जायेगी. इसके साथ ही, पार्टी को प्रखंड स्तर से लेकर जिलास्तर तक पर मजबूत किया जाएगा. जदयू की नजर आने वाले चुनाव में पूर्वांचल की सीटों पर टीकी है.
विपक्ष पर जानबूझकर कार्रवाई कर रही भाजपा
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 2017 से 2022 तक जब जदयू भाजपा के साथ थी, तब उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन, जैसे ही जदयू महागठबंधन के साथ आया, भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर दिया. उन्होंने कहा कि 2015 में जब महागठबंधन में मात्र तीन दल थे तो प्रधानमंत्री की 42 जनसभा होने का बावजूद बिहार में भाजपा की दुर्गति हुई थी. आज तो महागठबंधन में सात दल हैं, 2024 में बिहार में इनकी ऐसी खराब स्थिति होगी, जिसकी इन्होंने सपने में भी कल्पना नहीं की होगी.
केंद्र सरकार ने नहीं करायी जातीय जनगणना
ललन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर विपक्षी दलों पर कार्रवाइ कर रही है. उन्होंने कहा कि जदयू समेत बिहार की अन्य पार्टियों ने कई बार केंद्र सरकार से जातीय जनगणना की मांग की थी. लेकिन, उन्होंने हमारी इस मांग को नहीं माना. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के सभी दलों ने एकजुट होकर जातीय जनगणना के पक्ष में अपना मत जाहिर किया. 31 मई, 2023 तक बिहार में जातीय गणना पूर्ण हो जायेगी. आने वाले समय में इस गणना के आधार पर योजनाओं एवं नीतियों को बनाने एवं लागू करने में आसानी होगी. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार चाहे तो पूरे देश में जातीय जनगणना अभी भी हो सकती है.