Explainer: भीम संसद का आयोजन क्यों कर रही है जदयू? क्या दलितों के मुद्दे पर गरमाएगी बिहार की सियासत..
Bhim Sansad In Patna: बिहार में पहली बार भीम संसद का आयोजन किया जा रहा है. जदयू की ओर से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसके पीछे की वजह क्या है और इस आयोजन के सियासी मायने क्या निकाले जा रहे हैं. पढ़िए पूरी जानकारी..
Bhim Sansad In Patna: जदयू रविवार को भीम संसद का आयोजन करने जा रही है. बिहार में पहली बार दलित और महादलित समुदाय को लेकर यह संसद आयोजित है. पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में हो रहे इस कार्यक्रम में करीब दो लाख लोगों के जुटने का दावा जदयू की ओर से किया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भीम संसद के उद्घाटनकर्ता होंगे. मुख्य अतिथि के रूप में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह होंगे.बिहार में सियासी समीकरण बदलने के बाद अब जदयू और भाजपा आमने-सामने है. बिहार सरकार लगातार केंद्र पर हमलावर रही है. हाल में ही बिहार में जातीय सर्वे कराया गया और उसके आंकड़े सामने आने के बाद आरक्षण का दायरा भी बढ़ा दिया गया है. नीतीश सरकार भाजपा को आरक्षण विरोधी बताती रही है. संविधान से छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगातार लगाया गया है. भीम संसद के आयोजन की वजह भी नीतीश सरकार के कद्दावर नेता सह मंत्री ने बताया है.
भीम संसद के आयोजन की वजह..
बिहार सरकार में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि बिहार में पहली बार इस तरह का दलित और महादलित समुदाय को लेकर एक संसद लगायी जा रही है. इसमें हमारा समाज पिछड़ा क्यों रह गया? इसे आगे कैसे बढ़ाया जाए? इस पर चर्चा की जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज के अंतिम तबके के लोगों के उत्थान के लिए चिंतित रहते हैं. उनके आदेश पर भीम संसद का आयोजन पटना के वेटनरी मैदान में 26 नवंबर को किया जा रहा है. मंत्री अशोक चौधरी जनसंपर्क अभियान में यह सबकुछ बोल रहे थे.
सीएम नीतीश कुमार करेंगे उद्घाटन
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भीम संसद के उद्घाटनकर्ता होंगे. मुख्य अतिथि के रूप में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह होंगे. इस दौरान जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर तबके के नेता हैं. वह किसी जाति और धर्म में बंधे हुए नेता नहीं हैं. जदयू के प्रदेश महासचिव ओम प्रकाश सिंह सेतु ने कहा कि इस तरह का आयोजन देश में पहली बार हो रहा है.
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दलितों का मुद्दा रहेगा हावी?
गौरतलब है कि बिहार में जातीय सर्वे के आंकड़े सामने आने के बाद बिहार की सरकारी नौकरियाें और दाखिलों में आरक्षण का दायरा 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है. सत्ताधारी दल लगातार भाजपा को आरक्षण विरोधी बताती रही है. वहीं संविधान से छेड़छाड़ करने की कोशिश का भी आरोप बीजेपी पर लगाकर हमले किए जाते रहे हैं. सियासी मामलों के जानकार बताते हैं कि भीम संसद के जरिए जदयू सियासी निशाना भी साधने की कोशिश करेगी. इधर मंत्री अशोक चौधरी ने भीम संसद के लिए लोगों को आमंत्रित करने के लिए पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के कई इलाकों का दौरा किया. मंत्री अशोक चौधरी ने लोगों से कहा कि सांप्रदायिक शक्तियां देश को अस्थिर करने में लगी हैं. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का संविधान खतरे में है. हम सबके नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलितों के उत्थान के लिए बहुत काम किया है. इसलिए हम सभी मुख्यमंत्री के नेतृत्व को और ताकत दें.
पटना की ट्रैफिक व्यवस्था बदली रहेगी
26 नवंबर को वेटनरी ग्राउंड में आयोजित होने वाले भीम संसद कार्यक्रम को लेकर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बदली रहेगी. जिले में 25 नवंबर की रात 10 बजे से 26 नवंबर की रात 10 बजे तक ट्रकों के प्रवेश पर रोक रहेगी. साथ ही 25 नवंबर की रात 10 बजे से 26 नवंबर की रात 10 तक बाढ़, मोकामा की ओर से पटना आने वाले भारी वाहनों का परिचालन फतुहा ओवरब्रिज से पश्चिम से यूटर्न लेकर एनएच 30 हाेते हुए बिहटा-सरमेरा पथ से होगा. इसके अलावा बिहटा से पूरब आने वाले भारी वाहनों का परिचालन बिहटा से कन्हौली मोड़ से बिहटा- सरमेरा पथ होते हुए न्यू बाइपास में फतुहा ओवरब्रिज तक होगा. वहीं, उत्तर बिहार से आने वाले वाहन अधिकतम जेपी सेतु का प्रयोग कर सीधे अटल पथ पर आकर पार्क कर सकते हैं.