पटना. जदयू की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के ठीक पहले शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायक सत्ताधारी दल भाजपा में शामिल हो गये. अरुणाचल में इसी साल हुए चुनाव में जदयू के सात विधायक जीते थे.
इनमें से छह विधायक भाजपा के साथ हो गये हैं. इस सियासी घटनाक्रम पर सभी को जदयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया का इंतजार था. हालांकि, मुख्यमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में पार्टी की टूट को ज्यादा महत्व नहीं दिया.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पूर्वोत्तर राज्य में हुए इस राजनीतिक परिवर्तन को एक मुस्कान के साथ खारिज कर दिया. इस संबंध में जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक निर्धारित है, इससे पहले वो अलग हो गये हैं. हमारा ध्यान पार्टी की प्रस्तावित बैठक पर केंद्रित है. वह अपने रास्ते चले गये हैं.
सूत्रों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में जदयू का भाजपा के साथ प्री पोल अलायंस नहीं है. चुनाव बाद बनी सरकार में जदयू के भी शामिल होने की कोशिश हुई थी, लेकिन आगे बात नहीं बन सकी. अब भाजपा ने उन सभी छह विधायकों को अपने दल में शामिल होने की हरी झंडी दे दी है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक करीब दो माह पहले ही छह विधायकों ने वहां के स्पीकर को भाजपा के साथ जाने की सूचना दी थी. अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार है. शुक्रवार को वे सभी विधिवत भाजपा में शामिल हो गये. अरुणाचल प्रदेश में मिली जीत ने जेडीयू को वहां क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दिलाया था.
इधर, अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों को भाजपा में शामिल होने के बारे में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. केसी त्यागी ने कहा है कि अरूणाचल प्रदेश में भाजपा बहुमत में थी. उसे जदयू के विधायकों को तोड़कर पार्टी में शामिल करने की कोई जरूरत नहीं थी.
इसके बावजूद भाजपा ने ऐसा क्यों किया यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि इससे गठबंधन की राजनीति पर असर पड़ता है. हालांकि, बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति पर अरूणाचल प्रदेश की घटना का कोई असर नहीं पड़ेगा. यहां की राजनीतिक परिस्थिति अलग है.
इस बीच राजद-कांग्रेस गठबंधन का आरोप है कि अरुणाचल प्रदेश में जो कुछ भी हुआ वह बिहार में होने वाले परिवर्तन का संकेत है जहां जदयू गठबंधन में बड़ी पार्टी की भूमिका खो चुकी है.
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने अपने बयान में कहा कि गठबंधन धर्म का उल्लंघन कर भाजपा ने संदेश दे दिया कि वह नीतीश कुमार को महत्व नहीं देती. वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार इस पर प्रतिक्रिया देने से भी घबरा रहे हैं.
Posted by Ashish Jha