पटना. जदयू ने कांग्रेस से दूरी बना ली है. 30 जनवरी को श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में जदयू की ओर से कोई शामिल नहीं होगा. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है. नगालैंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार का हवाला देते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यात्रा में शामिल नहीं हो पाने की बात कही है. खरगे को लिखे पत्र में ललन सिंह ने कहा है कि 30 जनवरी को नगालैंड में चुनाव प्रचार में व्यस्त रहेंगे, ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं हो सकते हैं. जदयू की तरफ से कांग्रेस का न्योता ठुकराया जाना विपक्षी एकता की मुहिम को बड़ा झटका माना जा रहा है.
श्रीनगर में 30 जनवरी को राहुल गांधी की होने वाली भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए कांग्रेस की तरफ से जदयू को बुलावा भेजा गया था, लेकिन जदयू ने नगालैंड चुनाव का हवाला देते हुए यात्रा से किनारा कर लिया है. कांग्रेस के बुलावे के बावजूद जदयू की तरफ से इस यात्रा में कोई नेता शामिल नहीं हो रहा है. 30 जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा श्रीनगर में समाप्त हो रही है. इस यात्रा में शामिल होने के लिए कांग्रेस की तरफ से तमाम विपक्षी दलों को बुलावा भेजा गया है. जदयू ने पत्र लिखकर अपना रुख तो स्पष्ट कर दिया है, हालांकि राजद अब तक कांग्रेस के बुलावे का जवाब नहीं दिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सिंह ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है और संवैधानिक संस्थाएं, जो अनियंत्रित कार्यकारी शक्ति पर नियंत्रण और संतुलन सुनिश्चित करने वाली हैं, उन्हें व्यवस्थित रूप से नष्ट किया जा रहा है. मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित होना चाहता था, लेकिन ऐसा करने में असमर्थ हूं. मुझे खेद है, क्योंकि मुझे उसी दिन नगालैंड में पार्टी का चुनाव अभियान शुरू करना है.
भाजपा से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम चला रहे है. सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए लालू प्रसाद और नीतीश एक साथ दिल्ली पहुंचे थे. पिछले दिनों ही उन्होंने तेलंगाना में आयोजित रैली में नहीं बुलाये जाने पर कहा था कि मैं अभी यात्रा में व्यस्त हूं, यात्रा के उपरांत देश भर की यात्रा पर निकलूंगा. ऐसे में जदयू की ओर से कांग्रेस का न्योता ठुकराना विपक्षी एकता की मुहिम को बड़ा झटका माना जा रहा है.