बिहार के शिक्षा विभाग के मंत्री चंद्रशेखर (Prof Chandrashekhar) और अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के बीच विवाद पर जदयू और राजद आमने सामने आ गयी है. राजद ने जहां केके पाठक की कार्यशैली की तीखी आलोचना की है. वहीं जदयू ने उनकी सराहना की है. जदयू के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि केके पाठक अब जिस विभाग में गये हैं, वहां विभाग को अपडेट किया है. वहीं मंत्री चंद्रशेखर द्वारा पीत पत्र जारी किये जाने के सवाल पर नीरज कुमार ने कहा है कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है.
दूसरी ओर राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्हें जो भी पत्र लिखा गया है कि वह नियमानुसार लिखा गया है. उन्होंने साफ किया कि मंत्री की सलाह के बिना कोई काम नहीं करना चाहिए. अपर मुख्य सचिव को संतुलित निर्णयों के आधार पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को बदनाम करने का काम करते हैं, उन्होंने जो किया है अच्छा नहीं किया है. मैं जानता हूं वो क्या चाहते हैं. ऐसे अफसरों काे विभाग से बाहर कर देना चाहिए.
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अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने शिक्षा विभाग के अंदरूनी टकराव पर कहा है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक दलित विरोधी है. वह सामंतवादी विचारधारा के हैं, जो विभाग में आकर अपनी विचारधारा को लागू करना चाहते है. देर शाम बयान से पलटे: वहीं,जब देर शाम उनसे इस संबंध में दोबारा से दूरभाष पर पूछा गया कि उनकी क्या नाराजगी है केके पाठक से और आपने ऐसा बयान दिया है, तो उन्होंने कहा कि रहने दीजिए हो गया. अब हम इस मामले में कुछ नहीं कहेंगे. सुबह की बात है. छोड़िए और उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया.