जेडीयू ने मणिपुर हिंसा को बताया बीजेपी की साजिश, मांगा इन दस सवालों का जवाब…
जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने मणिपुर हिंसा पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर सदन में जवाब देना चाहिये. मणिपुर की घटना ने पूरे देश को शर्मसार किया है. वहीं जदयू के राष्ट्रीय महासचिव ने इस मुद्दे पर भाजपा से 10 सवाल किए हैं. जानिए क्या हैं वो दस सवाल...
मणिपुर में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार पर दुख जताते हुये जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेवार बताया. उन्होंने भाजपा से दस सवाल पूछते हुए उसका जवाब मांगा है. इसके साथ ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालन सिंह ने भी मणिपुर हिंसा को लेकर कहा कि इस घटना ने पूरे देश को शर्मसार किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में इसका जवाब देना चाहिए.
जदयू के सवाल
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राजीव रंजन ने पूछा कि मणिपुर हिंसा में 70 हजार से अधिक लोगों को घर-बार छोड़ कर भागना पड़ा है, सरकार उनके मुआवजे के लिए क्या कर रही है?
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पूछा कि महिलाओं का नग्न परेड पुलिस की मौजूदगी में हुआ था, भाजपा बताये कि पुलिस ने उस समय कार्रवाई क्यों नहीं की? उनके ऊपर किसका दबाव था?
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अपने सवाल में राजीव रंजन ने पूछा कि महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार का विडियो वायरल होने पर 77 दिनों के बाद सरकार की नींद क्यों टूटी?
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राजीव रंजन ने पूछा कि हिंसा के इस बीच केंद्र के कई नेता व खुद गृहमंत्री मणिपुर गये, क्या पुलिस के आला अधिकारियों ने उन्हें भी इस घटना की जानकारी नहीं दी?
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अपने सवाल में राजीव रंजन ने पूछा कि आला अफसरों को अविलंब बर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा? भाजपा उन्हें क्यों बचा रही है?
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राजीव रंजन ने कहा कि भाजपा बताये कि उन्मादियों के पास एके 47, इंसास, स्नाइपर राइफल और राकेट लांचर जैसे अत्याधुनिक व घातक हथियार कहां से आ रहे हैं?
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इस पूरे मामले में खुफिया विभाग नाकाम क्यों रहा है?
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सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद धरपकड़ क्यों? पहले क्यों नहीं?
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रेप व मर्डर की सौ से अधिक संख्या है जिसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है? अधिकतर भाजपा शासित राज्यों में उन्माद की घटनाएं सर्वाधिक क्यों?
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अभी जो पुलिस एसोसिएशन वहां जांच कर रहा है उसे देश के गृहमंत्री ने बेस्ट पुलिस का अवार्ड दिया था? आखिर उनका परफॉरमेंस इतना गड़बड़ क्यों हो गया? उन्हें अवार्ड देने का आधार क्या था?
मणिपुर की घटना पर सदन में जवाब दें प्रधानमंत्री मोदी- ललन सिंह
इधर, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी शनिवार को कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर की घटना पर सदन में जवाब देना चाहिये. मणिपुर की घटना ने पूरे देश को शर्मसार किया है. उन्होंने कहा कि आश्चर्य तो इस बात की होती है कि यह घटना दो महीने पहले की है. डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इस घटना की जानकारी तक नहीं है.
इंटेलिजेंस एजेंसी क्या कर रही थी? – ललन सिंह
वीडियो वायरल होने पर प्रधानमंत्री इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं. यह कौन-सी सरकार है कि इतनी बड़ी घटना की जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री को भी नहीं है? राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सवाल पूछा कि इतने दिनों से इंटेलिजेंस एजेंसी क्या कर रही थी?
ललन सिंह ने प्रधानमंत्री पर कसा तंज
ललन सिंह ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ विदेशों में घूम कर अपना जयकारा लगवाने से देश का सम्मान नहीं बढ़ता है. जब देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और आम जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे तब देश का सम्मान बढ़ेगा. मणिपुर की घटना से पूरी दुनिया भर में हमारे देश का सम्मान गिरा है. इतने महीनों से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के पास मणिपुर के प्रति संवेदना व्यक्त करने का समय नहीं है. गृह मंत्री देश भर में अपना दौरा कर रहे हैं, लेकिन हिंसा शुरू होने के दो महीने के बाद उन्हें मणिपुर जाने का समय मिलता है.
सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान तो खुली पीएम की नींद : ललन सिंह
ललन सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने मणिपुर की घटना पर संज्ञान लिया तब प्रधानमंत्री की नींद खुली है. ऐसी संवेदनहीन सरकार को जनता 2024 में करारा जवाब देगी. बेगूसराय की घटना का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 24 घंटे के भीतर मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह सुशासन का उदाहरण है.
मणिपुर कांड पर जाप ने फूंका केंद्रीय गृहमंत्री का पुतला
वहीं, मणिपुर मामले पर जन अधिकार पार्टी ने शनिवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया. वहां महिलाओं के साथ हुए व्यवहार के विरोध में जाप कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री का पुतला फूंका और इस्तीफे की मांग की गयी. प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने मणिपुर की हिंसा पर अब तक चुप है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद प्रधानमंत्री ने मात्र अफसोस जताया है. हमारी मांग है कि मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये.