पटना. जदयू प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक शुक्रवार को अपराह्न तीन बजे से जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में होगी. इसमें प्रदेश के करीब 275 नेता शामिल होंगे. कुछ नेता पटना पहुंचने लगे हैं और शुक्रवार सुबह तक सभी नेताओं के पहुंचने की संभावना है.
इसके साथ ही जदयू प्रदेश कार्यकारिणी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक तीन सितंबर और राष्ट्रीय परिषद की बैठक चार सितंबर को जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में होगी. इससे संबंधित तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इन बैठकों में पार्टी के महत्वपूर्ण एजेंडों पर चर्चा होगी, साथ ही मुहर लगेगी. पार्टी का सदस्यता अभियान भी शुरू हो सकता है.
सूत्रों के अनुसार प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में 275 प्रदेश स्तरीय नेता भाग लेंगे. इसमें विधायक, विधान पार्षद व जिला अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे. इसमें पार्टी अपने प्रदेश स्तरीय एजेंडों को रखेगी, इस पर बैठक में विचार होगा. पदाधिकारियों की सहमति के बाद एजेंडों को अगले दिन तीन सितंबर को होने वाली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में रखा जायेगा. यह बैठक सुबह 11 बजे से करीब दो घंटे की होगी और इसमें जदयू के करीब 500 नेता शामिल होंगे. इसमें विधायक, विधान पार्षद, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी व सभी प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य शामिल होंगे.
वहीं, तीन सितंबर को ही अपराह्न में जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. इसमें सभी प्रदेशों के अध्यक्ष व सांसद सहित वरिष्ठ नेताओं को मिला कर करीब 75 नेताओं को शामिल रहने की संभावना है. जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक चार सितंबर को कर्पूरी सभागार में होगी. इस बैठक में करीब 250 नेताओं को मौजूद रहने की संभावना है. इन बैठकों में संगठन के सदस्यता अभियान को शुरू करने, अन्य राज्यों में संगठन विस्तार और चुनाव लड़ने सहित कई एजेंडों पर मुहर लग सकती है. महागठबंधन सरकार बनने के बाद जदयू संगठन की पहली बैठक होने के कारण इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के निर्णय पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुहर लगेगी. इसके अलावा आरसीपी सिंह के प्रकरण पर भी चर्चा होने की संभावना है.
इन बैठकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा व प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा मौजूद रहेंगे. इन बैठकों में शामिल होने वाले नेताओं के रुकने के लिए सर्किट हाउस और कुछ गेस्ट हाउस सहित अन्य स्थानों पर व्यवस्था की गयी है.