लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने के समर्थन में जदयू, ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के लिए सौंपा ज्ञापन

जदयू नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार शुरू से ही एक देश एक चुनाव की नीति के समर्थक रहे हैं. इसे लेकर पार्टी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपा है.

By Anand Shekhar | February 18, 2024 3:08 PM
an image

नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. पार्टी नेताओं ने कहा है कि लोकसभा और राज्य विधानमंडल का चुनाव एक साथ होना चाहिए. इसके साथ ही पंचायत और नगरपालिकाओं का चुनाव भी एक साथ होना चाहिए. इस संबंध में शनिवार को जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा ने पार्टी की तरफ से शनिवार को एक ज्ञापन पत्र वन नेशन, वन इलेक्शन पर विचार करने वाली उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष व पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दिया है.

संसदीय और पंचायती चुनाव हो अलग-अलग

जदयू ने संसदीय चुनाव और पंचायती राज के चुनाव अलग-अलग कराने के पक्ष में अपना समर्थन व्यक्त किया है. पार्टी नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार शुरू से ही ”एक देश एक चुनाव” की नीति के समर्थक रहे हैं.

जदयू ने बताया वन नेशन, वन इलेक्शन का फायदा

पार्टी ने कहा है कि वन नेशन, वन इलेक्शन के कई फायदे हैं. पहला बड़ा फायदा है कि इससे चुनाव खर्च कम करने में मदद मिलेगी. इससे नीतियों के निर्धारण में भी मदद होगी. वहीं बार-बार होने वाले चुनावों से निजात पाने पर नेताओं का चुनाव अभियान में लगने वाला समय बचेगा. इस समय का इस्तेमाल सरकारी कामकाज के लिए हो सकेगा.

वन नेशन, वन इलेक्शन से मतदाताओं की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही आमलोगों भी चुनाव से होने वाली परेशानियों से बच जायेंगे. चुनावी प्रक्रिया भी बेहतर हो सकेगी. इससे चुनावी हिंसा और वाद-विवाद में भी कमी आयेगी. इससे राजनीतिक स्थिरता आयेगी.

उच्चस्तरीय समिति को सौंपा ज्ञापन

पार्टी की तरफ से कहा गया है कि इससे पहले वर्ष 2018 में देश के विधि आयोग द्वारा आमंत्रित सुझावों के जवाब में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू ने लोकसभा सहित विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की नीति को अपना समर्थन दिया था. शनिवार को उच्चस्तरीय समिति को सौंपा गया ज्ञापन ”वन नेशन वन इलेक्शन” की नीति को पूर्व में दिये गये समर्थन के ही अनुरूप है.

Exit mobile version