बंगाल में चुनाव लड़ेगा जदयू, राष्ट्रीय परिषद में लव-जेहाद कानून की निंदा, कृषि कानून का समर्थन

रविवार को जदयू की राष्ट्रीय परिषद ने बंगाल में चुनाव लड़ने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. इसके अलावा राष्ट्रीय परिषद में पास प्रस्तावों के अनुसार पार्टी का देशभर में संगठन विस्तार होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2020 6:28 AM

पटना. रविवार को जदयू की राष्ट्रीय परिषद ने बंगाल में चुनाव लड़ने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. इसके अलावा राष्ट्रीय परिषद में पास प्रस्तावों के अनुसार पार्टी का देशभर में संगठन विस्तार होगा.

देशभर में संगठन का विस्तार होगा. अरुणाचल प्रदेश में छह जदयू विधायकों को भाजपा द्वारा शामिल कराने पर पार्टी ने क्षोभ जताया है. यह जानकारी जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी.

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में शनिवार को राष्ट्रीय पदाधिकारियों और रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई.

इसमें देश में लव-जेहाद के नाम पर घृणा का माहौल पैदा करने की कोशिश की निंदा की गयी. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार भी दो वयस्क लोग अपना जीवन जीने के लिए स्वतंत्र हैं.

डॉ राममनोहर लोहिया भी मानते थे कि जब तक वादाखिलाफी और बलात्कार जैसी घटनाएं नहीं हों तब तक स्त्री और पुरुष के रिश्ते जायज हैं. ऐसे कानूनों को बनाकर समाज में विभाजन करना या कुछ लोगों को उत्पीड़ित करने का समर्थन नहीं करता है.

उन्होंने कहा कि राज्य कार्यकारिणी ने विधानसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवारों की हार के कारणों का पता लाने की जिम्मेदारी सभी जिलाध्यक्षों को सौंपी है.

गठबंधन पर कोई विवाद नहीं

केसी त्यागी ने कहा कि बिहार में गठबंधन को लेकर कोई विवाद नहीं है. अरुणाचल की घटना पर बिहार की राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बंगाल के चुनाव की रूपरेखा पार्टी के प्रभारी और अध्यक्ष एक-दो दिनों में तय करेंगे. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के बारे में पार्टी अपना रुख बता चुकी है.

बिहार के विपक्षी नेता जो किसान आंदोलन पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं, उनका कोई किसान संगठन नहीं है. उन्होंने आज तक किसानों के बारे में कोई चार्टर बिहार सरकार को नहीं दिया.

लोजपा केंद्र और बिहार में एनडीए से बाहर

लोजपा के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्र और बिहार में वह एनडीए से बाहर है. इस संबंध में पीएम मोदी भी कह चुके हैं. लोजपा जिस स्वच्छंदता के साथ चुनाव लड़ी उसे रोकना चाहिए था, इस वजह से एनडीए संख्या बल के करीब आते-आते बचा. लोजपा ने दुष्प्रचार किया.

चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान या डॉ आंबेडकर के नाम पर वोट नहीं मांगकर पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बारे में पार्टी की संख्या के मुताबिक कोई प्रस्ताव होगा, तो विचार करेंगे.

Posted by Ashish Jha

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