आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर मंथन जारी है. इंडिया गठबंधन बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. जदयू, राजद, कांग्रेस और वामदलों के बीच सीटों का बंटवारा होगा. वहीं जदयू के नेताओं की ओर से बयान सामने आया है कि सीटों का बंटवारा कैसे होगा और जदयू कितनी सीटों पर अपना दावा करेगी. वहीं नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर भी जदयू व अन्य दलों के नेताओं का बयान आया है.
इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की बड़ी बैठक दिल्ली में गुरुवार को हुई है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष समेत अन्य शीर्ष के नेता भी बैठक में शामिल हुए. कांग्रेस की सीट शेयरिंग कमेटी ने बिहार समेत दूसरे राज्यों में सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे संबंधी रिपोर्ट राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी है. इसी बीच गुरुवार को ही उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीएम आवास पर जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. दोनों के बीच राजनीति हालात पर चर्चा होने की बात मानी जा रही है. वहीं जदयू की ओर से बयान आया है कि बिहार में कितने सीटों पर उनकी दावेदारी होगी.
बिहार में जदयू कितनी सीटों पर दावा करेगी. एक न्यूज चैनल पर इस सवाल का जवाब देते हुए जदयू के प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि पिछले लोकसभा में 16 सांसद जदयू के जीतकर आए. परंपरा है और आम सहमति भी इसपर बन रही है कि जो सीटिंग सांसद वाली सीटें हैं वो विजयी पार्टी के ही पास रहेगी. लेकिन हमें उम्मीद है कि सभी नेता बैठेंगे और सीट शेयरिंग पर सबसे पहले बिहार में ही सहमति बनेगी.
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इधर, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने भी पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस कितनी सीटों पर उम्मीदवार तय करेगी ये राजद के साथ उनकी बातचीत पहले होगी. उसके बाद जदयू और राजद के बीच इसपर बातचीत होगी. कहां क्या बात हो रही है ये अभी नहीं कह सकते. जब वन टू वन इसपर बातचीत होने लगेगी तभी सब सामने आएगा. उन्होंने जदयू की दावेदारी से जुड़े सवाल पर कहा कि जदयू जिन सीटों पर जीती हुई है उसपर दावेदारी क्या हाेगी. जो सीटिंग है वो सीटिंग है. उसपर दावा क्या करना है.आगे उन्होंने कहा कि जब बात होगी तो उसपर विस्तार से चर्चा की जाएगी.
वहीं नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की चर्चा पर भी सियासी दलों की प्रतिक्रिया सामने आयी. मंत्री संजय झा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के आर्किटेक रहे हैं. इंडिया की पहली बैठक भी पटना में हुई.उन्होंने कभी किसी पद की इच्छा नहीं जतायी. उनका केवल एक लक्ष्य रहा कि विपक्ष के नेता एकजुट होकर एक मंच पर आ जाएं. अभी किसी तरह की बात हमलोगों की जानकारी में नहीं है. जब आगे कुछ चर्चा इसपर होगी तब देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने इंडिया की बैठक में भी साफ शब्दों में कहा है कि उन्हें निजी तौर पर कुछ नहीं चाहिए. सब एकसाथ आकर चुनाव लड़िए. वो अधिकतम सीटों पर वन टू वन चुनाव लड़ना चाहते हैं. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि इस तरह की चर्चा गलत होती है. हम बार-बार कहते हैं कि हमारे नेता ने साफ शब्दों में कहा है कि वो किसी पद के इच्छुक नहीं हैं. फिर ये संयाेजक पद पर उड़ रही चर्चा बेकार है. हम कहीं कोई आवेदन लेकर नहीं गए थे.
जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के निर्माता हैं जो संयोजक पद से काफी बड़ा है. वो पहले ही इसपर आसीन हैं. जब देश में गैर भाजपाई दल एक दूसरे को फूटी आंखों से देखना नहीं पसंद करते थे तब नीतीश कुमार ने पटना में विपक्षी नेताओं को एकसाथ बैठाया और एकजुट किया. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि यह फैसला एक पार्टी नहीं लेगी कि कौन संयोजक बनेगा. इंडिया के सभी दलों को बैठकर यह तय करना है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार की क्या भूमिका होगी. यह तो इंडिया गठबंधन में शामिल सभी नेता तय करेंगे. लेकिन नीतीश कुमार ने सारे चर्चााओं पर विराम लगा दिया था और कहा था कि उनकी कोई इच्छा नहीं है कि कोई पद मिले. वो विपक्ष को एकजुट करना चाहते रहे.