जेइइ मेन आवेदन के अंतिम तिथि करीब, शुल्क कट जाने के बाद भी नहीं जमा हो रहा फार्म, जानें कितने आए फॉर्म
परीक्षा नियंत्रक साधना पाराशर ने कहा कि अभी आवेदन की प्रक्रिया जारी है. करीब नौ लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. बिहार से करीब 47 हजार आवेदन अब तक प्राप्त हुए हैं.
जेइइ मेन जनवरी सत्र के लिए रजिस्ट्रेशन जारी है. रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 30 नवंबर है. इच्छुक अभ्यर्थी वेबसाइट jeemain.nta.ac.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. लेकिन अंतिम समय में जेइइ मेन आवेदन करने में भी स्टूडेंट्स को परेशानी होने लगी है. ओटीपी और पैसा कट जाने के बाद भी आवेदन अधूरा रह जा रहा है. कई छात्रों ने एनटीए की हेल्पलाइन पर फोन कर इसकी शिकायत की है. कई छात्रों ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के दौरान ही ओटीपी प्राप्त नहीं हो पा रहा है. वहीं, कई स्टूडेंट्स ने कहा कि पैसा कट जा रहा लेकिन आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही और पेमेंट स्टेट्स फेल बताया जा रहा है.
इस तरह की कई परेशानी हो रही है. वहीं, एनटीए के अधिकारी ने कहा कि पेमेंट 24 घंटे के अंदर एडजस्ट हो जा रहा है. स्टूडेंट्स कुछ घंटों के बाद इसे देख सकते हैं. परीक्षा नियंत्रक साधना पाराशर ने कहा कि अभी आवेदन की प्रक्रिया जारी है. करीब नौ लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. बिहार से करीब 47 हजार आवेदन अब तक प्राप्त हुए हैं. अभी आवेदन की संख्या और बढ़ेगी. एनटीए ने एक सुविधा प्रदान की है जिसमें छात्र आधार नामांकन संख्या, पैन, पासपोर्ट नंबर या एबीसी आइडी (अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट आइडी) का उपयोग करके रजिस्ट्रेशन पूरा कर सकते हैं. जेइइ मेन जनवरी सत्र की परीक्षा 24 जनवरी से 1 फरवरी तक होगी. एडमिट कार्ड परीक्षा से तीन दिन पहले जारी किया जायेगा. रिजल्ट 12 फरवरी को जारी किया जायेगा.
आज से डाउनलोड होगी 67वीं उत्तर पुस्तिका
67वीं संयुक्त मुख्य लिखित प्रतियोगिता परीक्षा के मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका को बीपीएससी ने आयोग के वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. उक्त परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी आयोग के वेबसाइट https://onlinebpsc.bihar.gov.in और https://www.bpsc.bih.nic.in पर जाकर बुधवार 29 नवंबर से लेकर चार दिसंबर तक अपना मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका डाउनलोड कर सकते हैं.
छह बीपीएससी सहायक अभ्यर्थियों से मांगा गया स्पष्टीकरण
बीपीएससी सहायक परीक्षा में दिव्यांगता का गलत दावा करने वाले छह अभ्यर्थियों को बीपीएससी ने 15 दिनों के भीतर आयोग की वेबसाइट पर स्पष्टीकरण अपलोड करने को कहा है. विदित हो कि मेडिकल बोर्ड द्वारा 19 अभ्यर्थियों को दिव्यांगता जांच के लिए बुलाया गया था. इनमें से 15 ही उपस्थित हुए, जिनमें छह का 40 फीसदी से अधिक दिव्यांगता का दावा गलत पाया गया. आयोग ने कहा है कि यह जालसाजी का प्रयास है, जिससे आयोग का समय बर्बाद हुआ है. नियत समय में जो अभ्यर्थी जवाब नहीं देंगे, आयोग उन पर यह मानकर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा कि उनको अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है.