पटना. मुख्यमंत्री ने जीविका परियोजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि महिलाओं को छोटे उद्यम के कार्यों में बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाये, ताकि इससे उनकी भागीदारी छोटे उद्यमों में बढ़े.
मछलीपालन के कार्यों के लिए जीविका दीदियों को प्रेरित किया जाये और इसके लिए इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाये.
साथ ही सभी जिला अस्पतालों के कैंटीन में भोजन का प्रबंधन जीविका दीदियों के माध्यम से करायी जाये.
उन्होंने कहा कि दीदियों को बीमा का लाभ देने के लिए योजना बनायी जाये. सीएम ने जीविका की दीदियों के माध्यम से मद्य निषेध कार्य के लिए लोगों को प्रेरित कराने काे भी कहा.
सीएम ने नीरा के उपयोग को बढ़ावा देने और किसी योजना का लाभ नहीं मिलने वाले वंचित परिवार को चिह्नित कर इन्हें सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिलाने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. अब इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के गठन से महिलाओं में जागृति आयी है. दीदियों की आर्थिक गतिविधियों से जुड़ने से परिवार की आमदनी बढ़ी है.
इनके माध्यम से कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग, दुग्ध उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन जैसे काम बेहतर ढंग से किये जा रहे हैं. छोटे उद्यम में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है.
इस दौरान ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बाला मुरूगन डी ने प्रेजेंटेशन देकर जीविका की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
उन्होंने स्वयं सहायता समूहों का गठन, समूह और संघों का सुदृढ़ीकरण और वित्तीय व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी दी.
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी, सीएम के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सचिव अनुपम कुमार, गोपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
Posted by Ashish Jha