मधुबनी. बेसहारा और गरीबों के लिए संचालित जीविकोपार्जन योजना से 10 हजार 657 गरीब महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं. इस योजना से बेहद गरीब परिवार को आर्थिक मदद दी जा रही है. वहीं सतत जीविकोपार्जन योजना का पहली बार 2023-24 में शहरी क्षेत्र की गरीब महिलाओं को भी इसका लाभ मिलेगा. इसके लिए शहरी क्षेत्र के सभी वार्डो में सर्वे कराया गया है. सभी वार्डो से कम से कम दो से तीन निर्धन महिलाओं को रोजगार करने के लिए तीन किस्तों में अलग-अलग छोटे-छोटे रोजगार के लिए राशि के स्थान पर सामान खरीद कर दिये जायेंगे.
पांच हजार से कम आयवाले को मिलेगा लाभ
विदित हो कि वार्डो में ऐसी महिलाएं जिनकी आय पांच हजार के करीब है. कोई अन्य आमदनी का जरिया नहीं है. वैसी महिला जो महादलित, एससी-एसटी के अलावे निर्धन महिला हैं. जो पूर्व में ताड़ी बेचती थी. उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा. जीविका कर्मचारी और अधिकारी के सत्यापन के बाद सामान की राशि ग्राम संगठन के पास भेज दी जाएगी. जिसके बाद क्रय समिति का गठन कर रोजगार को लगने वाले संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा.
Also Read: बिहारः सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट में आज लग सकती है रोजगार समेत कई एजेंडों पर मुहर
अधिकतम एक लाख रुपए तक मिलेगा
मालूम हो कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के तहत अधिकतम एक लाख रुपए तक रोजगार के लिए दिये जाने का प्रावधान है. लेकिन तीन अलग-अलग एसआईएस, माइक्रोप्लानिंग, एलआईएस के तहत दस हजार, बीस हजार और सात हजार कुल सैंतीस हजार का सामना उपलब्ध कराने का प्रावधान है. जीविका के जिला प्रबंधक मो. वसीम अंसारी ने कहा कि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत पहली बार किसी शहरी क्षेत्र के गरीब महिलाओं की खोज की गई है. सर्वे का काम भी पूरा हो गया है. चयनित महिलाओं को जीविका से सत्यापित कर योजना का लाभ दिया जाएगा.
पिछले साल नवंबर में लगी थी कैबिनेट की मुहर
पिछले साल सात नवंबर को विधान मंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की थी, जिसपर सात नवंबर को ही मंत्रिमंडल की मुहर भी लगी थी. अब योजना के तहत दी जाने वाली राशि बढ़ा दी गई है. सरकार ने सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत बेरोजगार परिवारों को रोजगार के लिए एक लाख से बढ़ाकर एक मुश्त दो लाख रुपये देने की घोषणा लागू कर दी है. अब इस योजना पर नीतीश सरकार 30 अरब रुपये से अधिक खर्च कर रही है.
वित्तीय वर्ष 26-27 तक विस्तारित किया गया
इसमें मुख्य रूप से शराब-ताड़ी बेचने एवं उत्पादन से जुड़े लोगों को सरकार योजना का लाभ देगी. योजना को वित्तीय वर्ष 26-27 तक विस्तारित किया गया है. सरकार की ओर से राशि उपलब्ध कराने में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी.