14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जीविका दीदियो ने संवारा बिहार के बच्चों का भविष्य, अक्षर न पहचानने वाले बच्चे 30 दिन में पढ़ने लगे कहानियां

बिहार में जीविका की ओर से संचालित समर कैंप ने पांच लाख बच्चों की शैक्षणिक स्थिति सुधार दी है. समर कैंप में शामिल होने से पहले 5 लाख बच्चों में से 3.25 लाख बच्चे अक्षर भी पहचान नहीं पाते थे. लेकिन, अब वो कहानियां पढ़ने लगे हैं.

मनोज कुमार, पटना. जीविका की ओर से बीते एक से 30 जून तक पूरे बिहार में समर कैंप का आयोजन किया गया था. इसमें राज्यभर में कक्षा 5 से 7वीं तक के 5 लाख 19 हजार 819 बच्चों को गांव के चबूतरों, घरों व सरकारी भवनों में खेल-खेल में पढ़ाया गया था. जीविका दीदियों, उनके बच्चों व गांव के युवक-युवतियों ने बच्चों को चिह्नित कर उन्हें अक्षर ज्ञान, कहानी पढ़ना, सामान्य गणित समेत कई विषयों की जानकारी दी.

43726 वॉलेंटियरों ने बच्चों को समर कैंप में पढ़ाया

समर कैंप से जुड़े बच्चों की पढ़ाई शुरू कराने से पहले उनका मूल्यांकन किया गया था. इस दौरान पाया गया था कि 5.19 लाख बच्चों में सिर्फ एक फीसदी बच्चे ही कहानी पढ़ना जानते थे. दो फीसदी बच्चे ही एक पाराग्राफ पढ़ पा रहे थे. मात्र 35 फीसदी बच्चे ही अक्षर पहचान पाये. केवल 38 फीसदी बच्चे ही किसी शब्द को पढ़ पा रहे थे. 24 फीसदी बच्चों को अक्षर का भी ज्ञान नहीं था. लगभग सात साल में अक्षर भी नहीं पहचान पाने वाले बच्चे 30 दिनों में अब कहानियां पढ़ना सीख गये हैं. पूरे राज्यभर से 43726 वॉलेंटियरों ने बच्चों को समर कैंप में पढ़ाया था.

जीविका दीदियो ने संवारा बच्चों का भविष्य

समर कैंप में भाग लेने वाले कुल पांच लाख 19 हजार बच्चों में से 1.70 लाख बच्चों की मूल्यांकन रिपोर्ट आयी है. इस रिपोर्ट के मुताबकि, समर कैंप में भाग लेने वाले 30 फीसदी बच्चे अब कहानियां पढ़ पा रहे हैं. 23 प्रतिशत बच्चे पूरा पाराग्राफ पढ़ ले रहे हैं. वहीं, 22 फीसदी बच्चे शब्द और 17 फीसदी बच्चे अक्षर पहचान ले रहे हैं. नौ फीसदी बच्चों में कोई प्रगति नहीं देखी गयी.

Also Read: पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में पीजी नामांकन के लिए आज से ऑनलाइन आवेदन शुरू, इस दिन जारी होगी मेरिट लिस्ट

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें