खलकोचक में बह रही भक्ति की बयार
मखदुमपुर : प्रखंड के खलकोचक गांव में भक्ति की बयार वह रहीं है गांव में हो रहे गीता विवेचन सह लक्ष्मी नारायण महायज्ञ से इलाके का माहौल भक्तिमय बना हुआ था. कतरासिन मठ के महंथ स्वामी राम प्रपनाचार्य जी महाराज के सानिध्य हो रहे महायज्ञ में श्रद्धालु दूर-दूर से आ रहे है. बुधवार की रात […]
मखदुमपुर : प्रखंड के खलकोचक गांव में भक्ति की बयार वह रहीं है गांव में हो रहे गीता विवेचन सह लक्ष्मी नारायण महायज्ञ से इलाके का माहौल भक्तिमय बना हुआ था. कतरासिन मठ के महंथ स्वामी राम प्रपनाचार्य जी महाराज के सानिध्य हो रहे महायज्ञ में श्रद्धालु दूर-दूर से आ रहे है. बुधवार की रात प्रवचन करते स्वामी जी ने कहा प्रेम में हीं जीवन है.
भगवान प्रेम के भूखे होते है. प्रेम के वश में भगवान श्री कृष्ण विदुर के घर झूठा भी खा गये थे. उन्होंने युवाओं को सलाह दी तथा मुक्त समाज का निर्माण करे. धार्मिक ग्रंथो में नशा की चर्चा कहीं नहीं है. नशा से समाज में द्वेष का वातावरण बनता है. स्वामी जी भागवत की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा भागवत में हीं जीवन का यर्थाथ नजर आता है.भागवत के शब्दों में भगवान स्वयं विराजते है.
यहीं वजह है कि श्रीमद्भागवत का एक हीं श्लोक व्यक्ति को जीवन के विचारों से मुक्त करते हुए आनंद से परिपूर्ण कर देता है. जहां भागवत कथा होती है. वह तीर्थ का स्वरूप हो जाता है. जो मनुष्य रोज श्री मद भागवत का श्रवण करता है और उस राह पर चलने को कोशिश करता है. उसके जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं. वहीं प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही.