दो करोड़ सफाई में होते हैं खर्च

सड़कों व गलियों का हाल हुआ बेहाल पांच एनजीओ के जिम्मे है शहर की सफाई व्यवस्था जहानाबाद : शहर की सफाई व्यवस्था एक बार फिर चरमरा गयी है. निकाय चुनाव शुरू होने के पूर्व तक स्थिति ठीक थी, लेकिन नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही व्यवस्था इतनी खराब हो गयी है कि वर्तमान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2017 3:19 AM

सड़कों व गलियों का हाल हुआ बेहाल

पांच एनजीओ के जिम्मे है शहर की सफाई व्यवस्था
जहानाबाद : शहर की सफाई व्यवस्था एक बार फिर चरमरा गयी है. निकाय चुनाव शुरू होने के पूर्व तक स्थिति ठीक थी, लेकिन नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही व्यवस्था इतनी खराब हो गयी है कि वर्तमान समय में गली-मुहल्लों की हालत नारकीय हो गयी है. बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने, गलियों में झाड़ू नहीं लगाने,नियमित ढंग से कूड़े का उठाव डोर-टू-डोर नहीं होने और जाम नाले-नालियों की उड़ाही नहीं कराये जाने से लोग गंदगी के माहौल में जीने को विवश हैं.
ऐसी स्थिति किसी एक-दो मुहल्लों की नहीं है, बल्कि विभिन्न वार्डों की गलियों के अलावा कुछ प्रमुख सड़कों पर गंदगी का नजारा आम है. यहां उल्लेखनीय है कि नगर पर्षद के तकरीबन 50 सफाईकर्मियों के अलावा पांच एनजीओ संचालकों पर मुख्य सड़कों एवं वार्डों की सफाई कराने की जिम्मेवारी है. इस मद में सालाना करीब दो करोड़ रुपये व्यय किये जाते हैं. इतनी बड़ी राशि खर्च किये जाने के बाद स्वच्छ और सुंदर जहानाबाद नहीं दिखना व्यवस्था के समक्ष सवाल है.

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