सदर बीडीओ ने दर्ज करायी एफआइआर

कार्रवाई. 23.65 लाख रुपये के दुरुपयोग का आरोप डीआरडीए के एमआइएस ऑफिसर नामजद आरोपित बीडीओ को जानकारी दिये बिना 44 लाभुकों के खाते में डाल दी राशि जहानाबाद : सदर प्रखंड के बीडीओ और लेखा सहायक को बिना जानकारी दिये इन दोनों के डिजिटल हस्ताक्षर (डोंगल) से प्रधानमंत्री आवास योजना के कथित 44 लाभुकों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2017 4:55 AM

कार्रवाई. 23.65 लाख रुपये के दुरुपयोग का आरोप

डीआरडीए के एमआइएस ऑफिसर नामजद आरोपित
बीडीओ को जानकारी दिये बिना 44 लाभुकों के खाते में डाल दी राशि
जहानाबाद : सदर प्रखंड के बीडीओ और लेखा सहायक को बिना जानकारी दिये इन दोनों के डिजिटल हस्ताक्षर (डोंगल) से प्रधानमंत्री आवास योजना के कथित 44 लाभुकों के खाते में 23 लाख 65 हजार भेजकर वित्तीय अनियमितता किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. इस संबंध में शनिवार की शाम बीडीओ श्रीमती वीणा पाणि ने नगर थाने में एफआइआर दर्ज कराया है. जिसमें डीआरडीए के एमआइएस ऑफिसर रूपेश कुमार को आरोपित बनाया गया है. बीडीओ ने आरोप लगाया है कि एमआइएस ऑफिसर ने जालसाजी कर वित्तीय अनियमितता करते हुए सरकारी राशि का दुरुपयोग किया है.
एफआइआर के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के कथित लाभुकों देवनारायण दास ,संजु देवी, संजिदा खातून, तेतरो देवी, रूमा देवी, पार्वती देवी एवं रेखा देवी समेत 44 लाभुकों की सूची संलग्न की गयी है. इलाहाबाद बैंक ,केनरा बैंक ,मध्य बिहार ग्रामीण बैंक, बैंक ऑफ इंडिया ,यूनियन बैंक समेत अन्य बैंकों के लाभुकों के खाते में रुपये भेजने का जिक्र किया गया है. एफआइआर में बीडीओ ने उल्लेख किया है कि उनके और लेखा सहायक अभिषेक कुमार के नाम से डिजिटल हस्ताक्षर से ही प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों के खाते में पैसा भेजा जाता है. शनिवार को अपराह्न 01 बजे उन दोनों का डोंगल प्राप्त हुआ. इसके पूर्व में ही मुझे (बीडीओ) एवं मेरे लेखा सहायक के बिना जानकारी के 23 लाख 65 हजार रुपये सरकारी खाते से प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों के खाते में पैसे भेजने की प्रक्रिया की जा चुकी थी. यह भी कहा गया है कि एमआइएस ऑफिसर रूपेश कुमार ने उनका एवं लेखा सहायक का यूजर आइडी एवं पासवर्ड मांगा था. और उनके द्वारा ही उक्त सरकारी रुपये का स्थानांतरण लाभुकों के खाते में डिजिटल हस्ताक्षर से भेजने की प्रक्रिया की गयी है जो वित्तीय अनियमितता एवं सरकारी राशि का दुरुपयोग एवं जालसाजी को दरसाता है. एफआइआर दर्ज कर पुलिस इस गंभीर मामले की तहकीकात में जुट गयी है.

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