यातायात व्यवस्था बदहाल, लोग परेशान

दो शिफ्टों के लिए जरूरत 32 की, पर उपलब्ध हैं महज 25 कर्मी लापरवाही से लगता है जाम, लोग नाहक होते हैं परेशान जहानाबाद : शहर में यातायात व्यवस्था को सुधारने के प्रशासनिक दावे चाहे जो हों, लेकिन कड़वा सच है कि यहां ट्रैफिक व्यवस्था की हालत ठीक नहीं है. इसके कई कारण हैं. एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2017 12:11 PM
दो शिफ्टों के लिए जरूरत 32 की, पर उपलब्ध हैं महज 25 कर्मी
लापरवाही से लगता है जाम, लोग नाहक होते हैं परेशान
जहानाबाद : शहर में यातायात व्यवस्था को सुधारने के प्रशासनिक दावे चाहे जो हों, लेकिन कड़वा सच है कि यहां ट्रैफिक व्यवस्था की हालत ठीक नहीं है.
इसके कई कारण हैं. एक तो यह कि जरूरत के मुताबिक यातायात पुलिस कर्मियों की कमी है. दूसरा यह कि ट्रैफिक से संबंधित विधि व्यवस्था के संचालन के लिए एक कार्यालय तक नहीं है. इसके अलावा ड्यूटी पर तैनात रहने वाले जवान को सिर छिपाने के लिए ट्रैफिक पोस्ट पर समुचित छतरी तक नहीं है. इन स्थिति से ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने से एनएच पर जाम लगता है. इसमें फंस कर लोग नाहक परेशान होते हैं. शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न होती है.
पूर्वाह्न 9 से 11 बजे , दोपहर एक से तीन बजे और फिर शाम में 6 से 7 बजे के बीच. इसके अलावा ट्रैफिक पोस्टों और नो पार्किंग जोन में वाहनों के खड़ा किये जाने से जाम पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है. यह स्थिति उभरती है खास कर टेंपो चालकों की मनमानी के कारण. इस बात को यातायात पुलिस भी स्वीकार करती है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1986 में जहानाबाद को जिले का दर्जा दिया गया था. जिला सृजन के 30 साल बीत गये, लेकिन चरमरायी यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सार्थक कदम नहीं उठाये गये.
ट्रैफिक पुलिस का शहर में एक कार्यालय तक नहीं बनाया गया. 1990 के दशक में स्टेशन रोड में सड़क किनारे अस्थायी तौर पर यातायात पुलिस का एक छोटा-सा कार्यालय बनाया गया था. जिसका बावजूद वर्षों पूर्व ही पूरी तरह मिट चुका है.
25 लोगों पर है ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेवारी : शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए 25 लोगों की टीम है. इनमें एक इंचार्ज, एक सहायक इंचार्ज के अलावा 13 होमगार्ड, पांच डीएपी के जवान और पांच प्रा.अ.नि.(सिविल जमादार) हैं.
सूबेदार हरिद्वार शर्मा यातायात पुलिस के इंचार्ज हैं. वहीं, सहायक इंचार्ज के रूप में सुरेंद्र शर्मा कार्यरत हैं. शहर के सात स्थानों को ट्रैफिक पोस्ट के रूप में चिह्नित किया गया है. एक पोस्ट पर कम-से-कम तीन जवानों की जरूरत बतायी जाती है. दो शिफ्टों में यातायात व्यवस्था संचालित होती है.
25 लोगों की टीम में इंचार्ज, सहायक इंचार्ज और सिविल जमादार पूरे शहर में गश्त लगाने में मशगूल रहते हैं. शेष 18 जवानों के सहारे सभी पोस्टों पर यातायात व्यवस्थित रखने की जिम्मेवारी है, जो कम बतायी जाती है. शहर के राजाबाजार अंडरपास के पूरब और पश्चिम के अलावा दक्षिणी दौलतपुर रोड और दरधा पुल के दोनों किनारों पर यातायात व्यवस्थित रखने कई जवान लगे रहते हैं. ऐसी हालत में अन्य पोस्टों पर जवानों की कमी हो जाती है. दो शिफ्टों में ड्यूटी करने में उक्त 25 लोगों की टीम अपने को असहज महसूस करती है. इधर यातायात नियमों का उल्लंघन कर वाहन चलाने वालों से जाम लग जाता है. इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है.

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