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पानी हुआ दूषित, खरीदकर बुझा रहे प्यास

परेशानी. चापाकलों के पानी का टीडीएस 300 से बढ़कर पहुंच गया 1200 अलगना पइन पर अवैध कब्जा से जलनिकासी हुई बंद छह एकड़ जमीन में डंप हो रहा शहर का गंदा पानी पांच सालों से स्थिति ऐसी की खेती भी हो गयी चौपट जहानाबाद : नगर पर्षद क्षेत्र के करीब 15 वार्डों के गंदे पानी […]

परेशानी. चापाकलों के पानी का टीडीएस 300 से बढ़कर पहुंच गया 1200

अलगना पइन पर अवैध कब्जा से जलनिकासी हुई बंद
छह एकड़ जमीन में डंप हो रहा शहर का गंदा पानी
पांच सालों से स्थिति ऐसी की खेती भी हो गयी चौपट
जहानाबाद : नगर पर्षद क्षेत्र के करीब 15 वार्डों के गंदे पानी का निकास का एकमात्र साधन है अलगना पइन. 50 वर्षों से भी अधिक समय से उक्त पइन से राजाबाजार, उत्तरी दौलतपुर, टेनीबिगहा, रामनगर, खुतवनचक, फिदा हुसैन रोड, मलहचक, लोक नगर, श्याम नगर, रामगढ़, शास्त्री नगर, पूर्वी ऊंटा, काको मोड़ से निजामउद्दीनपुर चमड़ा गोदाम तक के नाले समेत अन्य मुहल्ले का गंदा पानी अलगना पइन से होकर गुजरता है. निजामउद्दीनपुर-अलगना मोड़ से पइन का बहाव उत्तर दिशा की ओर है, जो अलगना गांव तक जाकर पश्चिम और फिर उत्तर दिशा से होते हुए आगे नदी तक जाती है. विडंबना है कि शहरी क्षेत्र के अलावा अलगना रोड में कई जगहों पर पइन का अतिक्रमण कर लिया गया है. इस कारण शहर के गंदे पानी का बहाव अवरुद्ध होने से अलगना स्थित एक बड़े भूखंड पर उसका जमाव हो रहा है.
लोगों के घरों की चहारदीवारी तक गंदा पानी पहुंच गया है. चापाकलों के पानी का टीडीएस इतना काफी बढ़ गया है कि जानवरों के भी पीने लायक नहीं रहा. समस्या दिन-प्रतिदिन जटिल होती जा रही है.
लक्ष्मण कुमार, अलगना निवासी
पूरे शहर का गंदा पानी अलगना गांव में आकर जमा हो रहा है. हमलोगों की रैयती जमीन पर खेती भी चौपट हो गयी है. पहले कल्पा मचला से पानी आती थी, तो सिंचाई भी होती थी.
कृष्णनंदन शर्मा, अलगना निवासी
पेयजल के लिए हजार रुपये खर्च करना पड़ रहा है. पांच साल से समस्या से जूझ रहे हैं. मलहचक, कल्पा-टेनीबिगहा और डीएम आवास के बगल से होते हुए गंदा पानी अलगना में आकर जमा हो जाता है.
कामेश्वर शर्मा, अलगना निवासी
गंदे पानी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. उस पानी के पीने से श्यामदेव सिंह और कामेश्वर सिंह की मवेशी की मौत हो चुकी है. डर से लोग अब चापाकल का पानी भी नहीं पीते हैं.
जनकदेव सिंह, अलगना निवासी
समस्या का होगा निबटारा
अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है. अलगना पइन का जायजा लेकर समस्या का समाधान किया जायेगा. पइन की जमीन पर से अवैध कब्जे भी हटाये जायेंगे, ताकि गंदे पानी का बहाव हो सके.
सजीव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद
गंदा पानी डंप होने से झील
सा बना इलाका
विगत पांच सालों से उत्पन्न इस समस्या के कारण अलगना गांव के कई परिवार अब चापाकल या कुएं का पानी नहीं पी पाते. कारण कि अलगना गांव स्थित खाता नंबर 72 और प्लॉट नंबर 374 की छह एकड़ 28 डिसमिल जमीन पर गंदे पानी के डंप होने से वहां झील-सा नजारा उत्पन्न हो गया है. इससे जलस्रोत भी दूषित हो गये हैं. अब यहां का पानी पीने योग्य नहीं रहा. गांव के संपन्न लोग पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. इसके लिए उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं. बताया गया है कि चापाकलों से निकलने वाले पानी का टीडीएस पहले 300 था जो बढ़कर अब 1200 तक पहुंच गया है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां के चापाकलों का पानी अब मवेशियों के भी पीने के लायक नहीं रहा.
गंदा पानी डंप होने से झील
सा बना इलाका
विगत पांच सालों से उत्पन्न इस समस्या के कारण अलगना गांव के कई परिवार अब चापाकल या कुएं का पानी नहीं पी पाते. कारण कि अलगना गांव स्थित खाता नंबर 72 और प्लॉट नंबर 374 की छह एकड़ 28 डिसमिल जमीन पर गंदे पानी के डंप होने से वहां झील-सा नजारा उत्पन्न हो गया है. इससे जलस्रोत भी दूषित हो गये हैं. अब यहां का पानी पीने योग्य नहीं रहा. गांव के संपन्न लोग पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. इसके लिए उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं. बताया गया है कि चापाकलों से निकलने वाले पानी का टीडीएस पहले 300 था जो बढ़कर अब 1200 तक पहुंच गया है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां के चापाकलों का पानी अब मवेशियों के भी पीने के लायक नहीं रहा.
अवैध कब्जा हटाये बिना पानी का बहाव संभव नहीं
रैयती जमीन में गंदे पानी का जमाव न हो, इसके लिए अलगना पइन को दुरुस्त करने की जरूरत है. अभियान चलाकर और मापी के बाद पइन की जमीन को अवैध कब्जे से से मुक्त कराना होगा. अलगना से पश्चिम भरे गये पइन की भी उड़ाही करनी होगी, ताकि गंदे पानी का बहाव आगे की ओर हो और बड़े भूखंड पर उसका जमाव न हो सके.

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