बौरी आहर की मरम्मत नहीं होने से किसान परेशान

50 एकड़ से अधिक जमीन रह जाती है बंजर हुलासगंज : मनरेगा और तमाम दूसरी योजनाओं के लागू होने के बावजूद बौरी के किसानों की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. फल्गु नदी के तट पर बसा बौरी और गिदरपुर गांव के किसानों की हालत खराब है. बताया जाता है कि फल्गु नदी से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2018 4:36 AM

50 एकड़ से अधिक जमीन रह जाती है बंजर

हुलासगंज : मनरेगा और तमाम दूसरी योजनाओं के लागू होने के बावजूद बौरी के किसानों की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. फल्गु नदी के तट पर बसा बौरी और गिदरपुर गांव के किसानों की हालत खराब है. बताया जाता है कि फल्गु नदी से निकली आहर का तटबंध पिछले कुछ वर्षों से टूटा पड़ा है. नतीजा होता है कि नदी के पानी का बड़ी मात्रा का बहाव इस ओर हो जाता है, जिससे इस क्षेत्र की करीब सौ एकड़ भूमि में खेती का काम ठप हो जाता है. लोगों का कहना है की लगभग पचास एकड़ भूमि में तो आठ-नौ माह पानी ही भरा रहता है, जिसमें काफी मात्रा में नदी की गाद का बहाव खेतों में हो जाता है.
खेतों में बालू और गाद जमने से धीरे-धीरे यहां की जमीन बंजर होती जा रही है. इस संबंध में स्थानीय लोग जल संसाधन और सिंचाई विभाग से लेकर स्थानीय विधायक सह मंत्री कृष्णनंदन वर्मा तक मनुहारी कर थक चुके हैं. हाल ही में लगभग एक माह पहले स्थानीय विधायक को बौरी उच्च विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस संबंध में आवेदन देकर ध्यान आकृष्ट करवाया था. लोगों ने बताया कि तत्काल मंत्री जी ने भी पत्र लिखकर जल संसाधन विभाग को कार्रवाई का आग्रह भी किया था. इसके बावजूद आज तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. उपेक्षा से त्रस्त किसानों ने अब इस दिशा में आंदोलन की राह अख्तियार करने का विचार कर रहे हैं.

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