राष्ट्रीय लोक अदालत में निबटाये गये 657 मामले

जहानाबाद नगर : जहानाबाद तथा अरवल व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन रविवार को किया गया, जिसका उद्घाटन जहानाबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रप्रकाश सिंह ने किया. इस अवसर पर कुल 657 मामलों का समझौता कराया गया. ज्ञात हो कि राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों के निबटारा के लिए जहानाबाद में 7 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2018 9:23 AM
जहानाबाद नगर : जहानाबाद तथा अरवल व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन रविवार को किया गया, जिसका उद्घाटन जहानाबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रप्रकाश सिंह ने किया. इस अवसर पर कुल 657 मामलों का समझौता कराया गया.
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों के निबटारा के लिए जहानाबाद में 7 तथा अरवल में 4 पीठों का गठन किया गया था. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव न्यायिक पदाधिकारी नमिता सिंह ने बताया कि निबटाए गये कुल 657 मामले में 237 मामले अरवल न्यायमंडल से संबंधित है. उन्होंने बताया कि कुल 2 करोड़, 2 लाख, 92 हजार, 630 रुपयों का समझौता कराया गया, जिसमें नकद राशि के रूप में 49 लाख, 98 हजार, 723 रुपये वसूले गये. इस तरह कुल वसूली राशि में से 19 लाख, 76 हजार, 269 रुपये की वसूली अरवल न्यायमंडल का है. साथ ही बताया कि कुल निष्पादित 657 मामलों में 237 मामला अरवल न्यायमंडल का है.
जहानाबाद में गठित सात पीठों में पहली पीठ के पीठासीन पदाधिकारी एडीजे-1 रामाकांत यादव, दूसरे पीठ में एडीजे-2 धर्मेंद्र कुमार जायसवाल, तीसरे पीठ में सीजेएम रमायण राम, चौथे पीठ में सब जज प्रथम सुधीर सिन्हा , पांचवें पीठ में न्यायिक पदाधिकारी नमिता सिंह , छठे पीठ में सबजज-4 राकेश कुमार रजक, सातवें पीठ में मनीष कुमार उपाध्याय मुंसिफ, इसी तरह अरवल में गठित चार पीठों में प्रथम पीठ की पीठासीन पदाधिकारी धनंजय कुमार सिंह, दूसरे पीठ में अरुण कुमार सब जज -1, तीसरे पीठ में कृष्ण कुमार चौधरी सब जज- 4 , चौथे पीठ में राकेश कुमार राकेश मुंसिफ अरवल शामिल थे. सभी पीठों के साथ दो-दो अधिवक्ता नामित थे.
लोक अदालत में तीन अभियुक्तों को मिली राहत: अरवल. राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान कई माह से जेल में बंद दो अभियुक्तों को राहत मिली. समझौता के तहत मामला का निष्पादन कर जेल से छोड़ने के लिए रिलीज लेटर भी भी जेलर को भेजा गया. मालूम हो कि शिव शंकर राम, निरतपुर निवासी पर जुलाई 1999 में गांव के ही सुरेंद्र शर्मा सहित अन्य ने मारपीट कर जख्मी करने एवं गाली-गलौज करने का आरोप लगाया था. न्यायालय ने अभियुक्त को 17 मार्च को फरार घोषित कर दिया.
इसके बाद अभियुक्त 18 अप्रैल 2018 से जेल में बंद था. लोक अदालत में सीजेएम धनंजय कुमार सिंह की पहल पर दोनों पक्षों ने लोक अदालत में आपस में समझौता किया. इसी प्रकार अरविंद सिंह, शिव नगर निवासी पर मारपीट के मामले में कई वर्षों से न्यायालय में मामला चल रहा था. अरविंद मारपीट का मामला के तहत जेल में है. लोक अदालत में सीजेएम ने पहल कर प्रोडक्शन पर उपस्थित कराया एवं दोनों पक्षों की सहमति से मामला का निष्पादन कर मुकदमा समाप्त कर दिया.

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