जहानाबाद : बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर की हत्या की सुलझी गुत्थी, 6 गिरफ्तार, जानें किसने रची थी हत्या की साजिश
जहानाबाद : परसबिगहा थाने के नेहालपुर डायवर्जन के समीप एनएच 110 पर 55 दिनों पूर्व बैंक ऑफ बड़ौदा अरवल के शाखा प्रबंधक आलोक चंद्रा की हत्या की गुत्थी सुलझ गयी है. जहानाबाद और अरवल जिलों की पुलिस ने हत्याकांड में शामिल उक्त बैंक के ही सहायक शाखा प्रबंधक राजेश कुमार और अरवल स्थित हीरो बाइक […]
जहानाबाद : परसबिगहा थाने के नेहालपुर डायवर्जन के समीप एनएच 110 पर 55 दिनों पूर्व बैंक ऑफ बड़ौदा अरवल के शाखा प्रबंधक आलोक चंद्रा की हत्या की गुत्थी सुलझ गयी है. जहानाबाद और अरवल जिलों की पुलिस ने हत्याकांड में शामिल उक्त बैंक के ही सहायक शाखा प्रबंधक राजेश कुमार और अरवल स्थित हीरो बाइक एजेंसी के मालिक ब्रजेश कुमार समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. हत्याकांड में प्रयुक्त बाइक, एक पिस्तौल और तीन गोलियां बरामद की गयीं.
गिरफ्तार किये गये अन्य अपराधियों में अरवल जिले के खैरबिगहा निवासी राजकिशोर कुमार उर्फ राजू कुमार, बालाबिगहा निवासी विकास कुमार, रामपुर-चौरम थाने के सरमा गांव का प्रिंस कुमार व उसी गांव का पिंटू शामिल हैं. इन लोगों ने पुलिस के समक्ष अपना अपराध भी कबूल किया है. जहानाबाद के एसपी मनीष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उक्त जानकारी दी और हत्या के कारणों का विस्तार से खुलासा किया. एसपी ने बताया कि बैंक प्रबंधक की हत्या की साजिश उसी बैंक के सहायक शाखा प्रबंधक और हीरो एजेंसी के मालिक ने मिल कर रची थी.
एजेंसी मालिक ने बैंक ऑफ बड़ौदा की अरवल शाखा से डेढ़ करोड़ रुपये के ऋण लिये थे, जिसमें गड़बड़ियां थीं. उक्त रकम से जमीन खरीद ली गयी थी. जांच में बैंक के पटना स्थित रीजनल ऑफिस ने बैलेंस सीट में गड़बड़ियां पायीं, जिसके कारण रिव्यू पेंडिंग था. गलत बैलेंस सीट में सुधार करने का शाखा प्रबंधक आलोक चंद्रा पर दबाव दिया गया था. गलत काम करने से प्रबंधक ने इन्कार कर दिया था. इसी कारण साजिश रच कर अपराधियों के गिरोह को पैसे देकर उनकी हत्या करवा दी गयी थी.
डेढ़ लाख रुपये दी गयी थी सुपारी
शाखा प्रबंधक की हत्या के लिए डेढ़ लाख रुपये की सुपारी दी गयी थी. सहायक प्रबंधक और हीरो बाइक एजेंसी के मालिक की साजिश के तहत शूटर गिरोह के पांच अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था. एक ही बाइक पर सवार होकर तीन अपराधियों ने प्रबंधक की हत्या की थी, जबकि चौथा रेकी कर रहा था और पांचवां पुलिस की गतिविधियों पर नजर रख रहा था. सभी को मैनेजर की हत्या के लिए 30-30 हजार रुपये दिये गये थे. अपराधियों को बुलाने में एजेंसी मालिक के चचेरे साले जितेंद्र कुमार ने मुख्य भूमिका निभायी थी.
21 मई की सुबह नेहालपुर छिलका के पास हत्या की घटना के बाद एसपी मनीष ने एएसपी और एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी. उन्होंने टीम को यह निर्देश दिया था कि पारिवारिक विवाद, निजी दुश्मनी या व्यावसायिक विवाद पर गहनता से जांच करें. अनुसंधान के दौरान मुख्य संदेह अरवल जिले के महेंदिया थाने के बेलखरा निवासी दीपक कुमार और परसबिगहा थाने के जेठियारा निवासी हीरो बाइक एजेंसी के मालिक ब्रजेश कुमार पर गया.
पता चला कि ब्रजेश ने बैंक ऑफ बड़ौदा से 2016 में डेढ़ करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जिसके बैलेंस सीट में गड़बड़ी थी. बैंक ने एजेंसी मालिक को छह महीने में रिवाइज्ड बैलेंस सीट प्रस्तुत करने को कहा था. इसके लिए ब्रांच मैनेजर आलोक चंद्रा पर बार-बार दबाव बनाया जा रहा था. रिजनल ऑफिस में भेजे गये बैलेंस सीट को स्वीकृत कराने की बात कही जा रही थी, जिसके लिए आलोक चंद्रा तैयार नहीं थे.
इसी बिंदु पर जांच टीम ने ब्रजेश कुमार की गतिविधि और उनके नजदीकी लोगों पर नजर रखी. इस दौरान ब्रजेश के चचेरे साले रामपुर-चौरम (अरवल) थाने के सरवां निवासी जितेंद्र कुमार के विरुद्ध साक्ष्य मिले. जितेंद्र अपने बहनोई की हीरो एजेंसी में मैनेजर का काम करता था. उससे जुड़े शूटर गिरोह के राजकिशोर कुमार उर्फ राजू कुमार, विकास कुमार, पिंटू कुमार का टावर लोकेशन 21 मई को घटनास्थल के आसपास पाया गया. तीनों के आपराधिक चरित्र का सत्यापन करने पर पाया गया कि पूर्व में भी आपराधिक और लूटकांडों में शामिल रहे हैं.
घटना के बाद राजू भाग गया था चेन्नई
एसपी ने बताया कि हत्या के बाद सभी अपराधी अरवल जिले की ओर पलायन कर गये थे. राजू कुमार उर्फ राजकिशोर दूसरे दिन 22 मई को पटना से प्लेन पकड़कर चेन्नई और फिर चेन्नई से उसी दिन दिल्ली चला गया था.
उसी रात दिल्ली से प्लेन से ही वह सूरत भाग गया. 11 जुलाई को वह वापस आया था. 14 जुलाई को विभिन्न स्थानों से अरवल व जहानाबाद की पुलिस ने संयुक्त रूप से कांड में संलिप्त छह लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपित प्रिंस की निशानदेही पर विकास कुमार उर्फ मिट्ठु की गिरफ्तारी हुई.
पांच लाख में हुआ था डेढ़ करोड़ रुपये ऋण का सौदा
जहानाबाद : गिरफ्तार एजेंसी मालिक ब्रजेश कुमार ने पुलिस को बताया कि लोन संबंधी काम करवाने के लिए उसने सहायक प्रबंधक राजेश कुमार को बतौर घूस पांच लाख रुपये दिये थे, परंतु काम नहीं होने की स्थिति में रुपये वापस करने का दबाव बनाया गया था. इसके बाद सहायक प्रबंधक ने हत्या के लिए उकसाया था.