जरूरतमंदों की मदद के लिए हेल्पिंग हैंड तैयार, संकट में देख दौड़ पड़ते हैं युवा

जहानाबाद : आज की भाग-दौड़ भरी दुनिया में हर कोई खुद में ही व्यस्त है. इंसानियत मरती जा रही है. आस-पड़ोस के दुख में शरीक होना तो दूर, लोग खून के रिश्तों में भी मदद के लिए जल्दी आगे नहीं आते हैं. सड़क पर यदि कोई दुर्घटनाग्रस्त होता है तो मदद करने की जगह लोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2019 5:27 AM

जहानाबाद : आज की भाग-दौड़ भरी दुनिया में हर कोई खुद में ही व्यस्त है. इंसानियत मरती जा रही है. आस-पड़ोस के दुख में शरीक होना तो दूर, लोग खून के रिश्तों में भी मदद के लिए जल्दी आगे नहीं आते हैं. सड़क पर यदि कोई दुर्घटनाग्रस्त होता है तो मदद करने की जगह लोग वीडियो बनाने में व्यस्त हो जाते हैं.

मुसीबत में किसी को पड़ा देख लोग कन्नी काटकर निकल जाते हैं. ऐसे दौर में इंसानियत की नयी इबारत लिख रहे हैं जहानाबाद के कुछ युवा जो असहाय और जरूरतमंदों के लिए हेल्पिंग हैंड समूह बनाकर मनावता की सेवा में लगे हैं. कुछ दिनों पूर्व जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर एक 90 वर्षीया वृद्धा घंटों से असहाय अवस्था में पड़ी थी.
यह खबर जब हेल्पिंग हैंड के ब्रजेश कुमार को मिली तो तुरंत अपने साथियों के साथ वहां पहुंचकर महिला के खाने-पीने की व्यवस्था की. ऐसा ही मदद बंटी कुमार ने स्टेशन पर भटक रही एक वृद्धा को पहुंचायी जिसे पटना के ऐतवारी मुहल्ले के उसके पुत्र और पुत्रवधू ने दर-दर भटकने को छोड़ दिया था. बंटी कुमार, सुरेंद्र कुमार आदि ने जहानाबाद के बालाबिगहा में वृद्धा की बेटी के घर तक सुरक्षित पहुंचाया.
इसी तरह के मानवता की सेवा वाले कई काम हेल्पिंग हैंड के सदस्य बिना किसी स्वार्थ के करते रहते हैं. चाहे वह गरीब बच्चों को पढ़ाने में मदद करना हो या घरों में अकेले रह रहे वृद्ध दंपतियों तक दवा एवं अन्य जरूरी सामान पहुंचाना. जरूरत पड़ने पर अस्पताल जाकर अपने परिजन के भांति उनको दिखलाना, सड़क पर हुए सड़क दुर्घटना जैसी घटना में तुरंत पहुंचकर आपद सहायता पहुंचाना जैसे अनेक कार्य समूह के सदस्य करते रहते हैं.
वाट्सएप ग्रुप बनाकर कर रहे हैं मदद
समूह के सदस्यों ने किसी तरह की सहायता की पुकार को तुरंत सही जगह तक पहुंचाने के लिए वाट्सएप ग्रुप का निर्माण किया है. किसी तरह की मदद के लिए समूह का जो सदस्य नजदीक हैं वह फौरन पहुंच जाता है.
इनके समूह में लगभग दो दर्जन सक्रिय सदस्य हैं जिनमें से कोई-न-कोई इंसानियत का फरिश्ता बन जरूरतमंदों की मदद के लिए पहुंच जाता है. समूह के लगभग सभी सदस्य सामाजिक संस्था जहानाबाद डेवलपमेंट कमेटी (जेडीसी) से जुड़े हुए हैं.
सुनें सदस्यों की बातें
आज की इस रंग बदलती दुनिया में इंसानियत का रंग फीका न पड़े, इसके लिए हम भरपूर कोशिश करते हैं. जरूरत के वक्त एक-दूसरे के काम आना ही इंसानियत है.
संतोष कुमार चंद्रवंशी, व्यवसायी
वक्त पर जो काम आये उसी को इंसान कहते हैं. हमलोग अपना फर्ज समझकर दूसरे के मदद के लिए आगे आते हैं. सभी को जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे के काम आना चाहिए.
मो इरफान, समाजसेवी
किसी की मुसीबत के समय उसकी मदद कर सुकून मिलता है. हम युवाओं को मोबाइल की दुनिया से बाहर आकर जरूरतमंदों की मदद में अपनी खुशियां ढूंढनी चाहिए.
सुजीत कुमार, दुकानदार
कोशिश यही रहती है कि किसी के काम आये. व्यस्तता के कारण समय निकलना दूभर है. ऐसे में समूह बनाकर कार्य करने से यह फायदा है कि कोई-न-कोई मदद को पहुंच ही जाता है.
नवीन शंकर, व्यवसायी

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