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स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की पहली तिमाही समाप्त, तैयारियां अधूरी

जहानाबाद : स्वच्छ भारत मिशन को प्रभावी बनाने के लिए आवास और शहरी मंत्रालय द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण पूरे देश भर में करवाया जाता है, जिसमें शहरों को तय मानकों के अनुसार नंबर दिये जाते हैं और रैंकिंग की जाती है. 2019 में जहानाबाद की रैंकिंग 402 थी जो 2018 की रैंकिंग 445 से थोड़ी सुधरी […]

जहानाबाद : स्वच्छ भारत मिशन को प्रभावी बनाने के लिए आवास और शहरी मंत्रालय द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण पूरे देश भर में करवाया जाता है, जिसमें शहरों को तय मानकों के अनुसार नंबर दिये जाते हैं और रैंकिंग की जाती है. 2019 में जहानाबाद की रैंकिंग 402 थी जो 2018 की रैंकिंग 445 से थोड़ी सुधरी थी, लेकिन फिर भी 2017 की रैंकिंग 307 के मुकाबले बहुत नीचे थी. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में साल भर चलने वाले सर्वेक्षण की पहली तिमाही बीत गयी है पर नगर पर्षद की तैयारियां अभी भी अधूरी है.

इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 जो शहरी भारत का पांचवां वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण है, किया जायेगा. प्रत्येक वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में यह देखा कि हर शहर सर्वेक्षण से पहले अपनी साफ-सफाई करते हैं और बाद में साफ-सफाई में कमी आ जाती है. इस कमी को दूर करने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में पूरे वर्ष साफ-सफाई का मूल्यांकन किया जायेगा.
यह मूल्यांकन तीन- तिमाहियों यानी अप्रैल-जून, जुलाई-सितंबर, अक्टूबर -दिसंबर 2019 में किया जायेगा. जनवरी 2020 में होने वाले वार्षिक सर्वेक्षण में तिमाही मूल्यांकन का 25 प्रतिशत वेटेज दिया जायेगा. शहरों की रैकिंग दो श्रेणियों में दी जायेगी.
पहली श्रेणी एक लाख और उससे उपर की आबादी वाले शहरों की तथा दूसरी श्रेणी एक लाख से कम आबादी वाली शहरों की होगी. सबसे पहली बार जनवरी 2016 में स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 आयोजित किया गया था, जिसमें 73 शहरों की रैकिंग की गयी थी. 2017 में 434 शहरों की रैकिंग की गयी, 2018 में 4203 शहरों और कस्बों की रैकिंग की गयी. जहानाबाद का प्रदर्शन सभी सर्वेक्षणों में बहुत कम रहा.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए विभाग द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है. शहर में साफ-सफाई की स्थिति और बेहतर की जायेगी. वहीं सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और कचरों के निस्तारण की दिशा में कार्य हो रहा है. पिछले तीन सर्वेक्षणों की रैकिंग से इस बार की रैकिंग में बहुत सुधार होने की उम्मीद है. इसमें नागरिकों का सहयोग भी जरूरी है.
मुकेश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी , नगर पर्षद, जहानाबाद
स्वच्छता सर्वेक्षणों में जहानाबाद की रैकिंग
साल रैकिंग
2017 307
2018 445
2019 402
सर्वेक्षण की प्रमुख विशेषताएं
यह सर्वेक्षण तीन तिमाहियों में किया जायेगा, जिसमें ऑनलाइन माध्यम से डिजिटल सर्वे होगा. सर्वेक्षण के लिए चार हजार अंकों की प्रश्नावली होगी, जिसमें लोगों से प्राप्त फीडबैक, कार्यों की निगरानी और गुणवता को आधार बनाया जायेगा. शहरों में नालियों व जलश्रोतो की साफ-सफाई, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, तोड़-फोड़ की गतिविधियों के दौरान निकलने वाले कचरों का निबटारा, शौचालयों का निर्माण आदि एक दर्जन मानकों के आधार पर स्टार रेटिंग दी जायेगी. इसमें खुले में शौच मुक्त अभियान की सफलता भी शामिल है. अगर निरीक्षण के दौरान यह पाया जाता है कि उपलब्ध कराएं गये आंकड़े या तथ्य गलत है तो इसके लिए निगेटिव मार्किंग भी की जायेगी.
पहली तिमाही में नहीं दिखी तैयारी
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की पहली तिमाही समाप्त हो गयी है, लेकिन नगर पर्षद जहानाबाद में इसको लेकर कोई हलचल नहीं है. भले ही नगर पर्षद द्वारा पिछले दो सालो से डोर -टू -डोर कचरा संग्रहण किया जा रहा है, लेकिन अभी भी शहर में साफ-सफाई इतनी नहीं है कि प्रदर्शन अच्छा हो सके और रैकिंग सुधरे. शहर में कचरा निष्पादन के लिए डंपिंग यार्ड बना तो दिया गया, लेकिन उसके प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की कवायद अभी कागजों पर भी है. पॉलीथिन की बिक्री प्रतिबंधित होने के बावजूद शहर में खुलेआम बिक्री हो रही है.
गाहे-बगाहे नगर पर्षद की टीम छापेमारी तो करती है पर इससे पॉलीथिन के उपयोग पर कोई लगाम नहीं लग रही. सर्वेक्षण 2020 में गंदे पानी की सफाई और इसके पुन: उपयोग तथा सिवेज प्रबंधन पर विशेष फोकस किया गया है, लेकिन इस दिशा में नगर पर्षद की कोई तैयारी नहीं है. अधूरी तैयारियों और जरूरी योजनाओं के धरातल पर नहीं उतरने के कारण इस सर्वेक्षण में भी शहर का प्रदर्शन सुधरने की उम्मीद नहीं है.

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