फ्रांस के पर्यटकों ने देखीं वाणावर की गुफाएं, गुफाओं की पॉलिश देख अचंभित हुए पर्यटक
जहानाबाद : बिहार के जहानाबाद जिले के ऐतिहासिक स्थल प्राकृतिक छटाओं से परिपक्व वाणावर की वादियां गुरुवार को काफी गुलजार दिखा. फ्रांस 15 सदस्यीय टीम वाणावर पहुंचा जो वाणावर पहाड़ एवमं नागार्जुनी पहाड़ के गुफाओं का अवलोकन किया. बोधगया से खिजरसराय के रास्ते वाणावर पहुंचे फ्रांस के पर्यटकों ने कर्ण चौपड़ गुफा, सुदामा गुफा ,लोमस […]
जहानाबाद : बिहार के जहानाबाद जिले के ऐतिहासिक स्थल प्राकृतिक छटाओं से परिपक्व वाणावर की वादियां गुरुवार को काफी गुलजार दिखा. फ्रांस 15 सदस्यीय टीम वाणावर पहुंचा जो वाणावर पहाड़ एवमं नागार्जुनी पहाड़ के गुफाओं का अवलोकन किया. बोधगया से खिजरसराय के रास्ते वाणावर पहुंचे फ्रांस के पर्यटकों ने कर्ण चौपड़ गुफा, सुदामा गुफा ,लोमस ऋषि गुफा, विश्व झोपड़ी गुफा एवं नागार्जुन पहाड़ पर गोपी गुफा, वेदांती गुफा एवं वापी गुफा का अवलोकन किया.
वाणावर पहुंचे विदेशी पर्यटकों ने गुफाओं की पॉलिश देख अचंभित हुए एवं गुफा के अंदर शोर मचा उसके निकलने वाले ध्वनि का आनंद उठाया. टीम लीडर ने बताया कि फ्रांस से 15 सदस्य टीम भारत दर्शन पर बोधगया की रास्ते वाणावर में पहुंचा है. टीम के सदस्य भारत भर में घूम-घूम कर ऐतिहासिक स्थल एवं भगवान बौद्ध एवं अशोक से जुड़े स्थलों का मुआयना करेंगे.
पर्यटकों द्वारा बताया गया कि ये गुफा बौद्ध भिक्षुओं को दान देने की बात पर बिहार टूरिज्म के गाइड राकेश प्रसाद ने पर्यटकों को बताया कि सम्राट अशोक के पोते राजा दशरथ आजीवक समुदाय के लोगों को पूजा-अर्चना करने के लिए दान में दे दिया था. उन्होंने बताया कि यह गुफाएं भारत का पहला मानव निर्मित हैं. पर्यटकों ने गुफाओं के आसपास एवं पहाड़ी इलाके में गंदगी को देख राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को जमकर कोसा. लोगों ने बताया कि जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार साफ -सफाई नहीं कराती है, न यहां कोई विदेशी पर्यटकों को ठहरने की व्यवस्था करायी है.