नयी दिल्ली/जहानाबाद: दिल्ली की एक अदालत ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम के आवाज का नमूना लेने की इजाजत बुधवार को पुलिस को दे दी. अदालत ने यह इजाजत इसलिए दी ताकि उसकी आवाज का मिलान उस वीडियो क्लिप की आवाज से किया जा सके जिसमें वह कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण देते और सरकार को निशाना बनाते दिख रहा है.
मुख्य मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने यह आदेश दिल्ली पुलिस की एक अर्जी पर पारित किया और निर्देश दिया कि आरोपी को सीएफएसएल में 13 फरवरी को पेश किया जाए जो कि वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है. न्यायाधीश ने कहा कि ‘‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों’ और जांच अधिकारी द्वारा नमूना लेने के लिए उच्चतम न्यायालय के फैसले को उल्लेखित करने के मद्देनजर वह आरोपी के आवाज का नमूना लेने की अर्जी को स्वीकार कर रहे हैं.
अदालत ने दिल्ली पुलिस की इस दलील पर गौर किया कि इमाम ने ‘‘सरकार के खिलाफ भाषण दिया जिसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया’ और वह उसकी आवाज का मिलान वीडियो क्लिप की आवाज से करना चाहती है. भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. अदालत ने गत छह फरवरी को जेएनयू से पीएचडी कर रहे इमाम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इमाम को यहां जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए गत 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था. इमाम को अगले दिन दिल्ली लाया गया था.