सड़क के लिए तरस रहा डोहिया गांव
जहानाबाद : जिला मुख्यालय से सटा गांव डोहिया आज भी एक सड़क के लिए तरस रहा है. वैसे तो रिकॉर्ड में इसका नाम एक राजस्व गांव के रूप में दर्ज है और गांव में महादलित परिवारों की भी काफी संख्या है. लेकिन आज तक इस गांव को पक्की सड़क मयस्सर नहीं हुआ. वर्षो पहले ही […]
जहानाबाद : जिला मुख्यालय से सटा गांव डोहिया आज भी एक सड़क के लिए तरस रहा है. वैसे तो रिकॉर्ड में इसका नाम एक राजस्व गांव के रूप में दर्ज है और गांव में महादलित परिवारों की भी काफी संख्या है. लेकिन आज तक इस गांव को पक्की सड़क मयस्सर नहीं हुआ.
वर्षो पहले ही गांव से जुड़ने वाली मुख्य पगडंडी के रास्ते को भर कर कच्ची सड़क का निर्माण हुआ था, जो सड़क गांव के मुख्य मार्ग के साथ महादलित टोले को भी जोड़ती है. गांव के लोगों ने पदाधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों से भी सड़क निर्माण के लिए आरजू-मिन्नत की. लेकिन ग्रामीणों के अभी तक के सारे प्रयास नाकाम ही साबित हुए हैं. गौरतलब है कि डोहिया गांव के बगल में ही परसबिगहा थाना है, जहां पक्की सड़क का निर्माण कई वर्ष पहले हो चुका है.
साथ ही कमोबेश आसपास वाले गांव को जोड़ने के लिए पक्की सड़क का निर्माण हो चुका है. लेकिन सड़क निर्माण के मामले में डोहिया गांव की किस्मत अभी भी ज्यों की त्यों है. गांव वालों के सामने केवल काल्पनिक उम्मीद से ज्यादा कुछ भी नहीं है. इनका तो हर एक दिये गये आश्वासन में ही उम्मीद की किरणों झलकने लगती हैं.
डोहिया गांव की चौपालों पर भी इसी आश्वासन की चर्चा शुरू हो जाती है. लेकिन गांव वाले ये भी महसूस करते हैं कि ये आश्वासन आखिरकार उनके लिए कब तक? कैसे होगा, उनके गांव का कायाकल्प? कुछ इन्हीं सवालों के साथ उगती-डूबती उम्मीदों के बीच हिचकोले खाने को मजबूर हैं डोहिया गांव के लोग.
* चुनाव के समय मिलता है लोगों को सिर्फ आश्वासन
* अब गांव के चौपालों में भी होने लगी है आश्वासन पर चर्चा
* पगडंडी से होकर आते-जाते हैं लोग