सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में 15 हजार श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
सावन की अंतिम रविवार को बाबा सिद्धनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की श्रद्धा में कमी देखी गई. अंतिम रविवार को बाबा मंदिर में मात्र 15 हजार ही श्रद्धालुओं जलाभिषेक किया. इस दौरान सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे.
मखदुमपुर
. सावन की अंतिम रविवार को बाबा सिद्धनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की श्रद्धा में कमी देखी गई. अंतिम रविवार को बाबा मंदिर में मात्र 15 हजार ही श्रद्धालुओं जलाभिषेक किया. इस दौरान सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे. अंतिम रविवार को लेकर पहाड़ी इलाका के हर जगह पर पुलिस बल के जवान तैनात किए गए थे. वहीं मंदिर परिसर में काफी संख्या में महिला पुलिस एवं पुलिस के जवान के साथ मजिस्ट्रेट तैनात रहे. वहीं श्रद्धालु कम पहुंचने से मंदिर परिसर में भीड़ -भाड़ देखी नहीं गयीं. जबकि सावन के पहले रविवार को 30 हजार श्रद्धालु, दूसरे रविवार को 50 हजार श्रद्धालु एवं तीसरे रविवार को 70 हजार से अधिक श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर जलाभिषेक किया था. गत 12 अगस्त को मंदिर के समीप हुए भगदड़ के बाद से श्रद्धालुओं के आस्था में कमी देखी जा रही है. मंदिर के महंत अभिमन्यु नाथ भारती, प्रबंधक भानु प्रताप उर्फ गुड्डू सिंह ने बताया कि सावन के अंतिम रविवार को मात्र 15 हजार श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया है.
साइबर डीएसपी ने मंदिर परिसर का किया निरीक्षण : सावन की अंतिम रविवार पर वाणावर स्थित बाबा सिद्धनाथ मंदिर के समीप जिले के साइबर डीएसपी ने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया.
इस दौरान उन्होंने मंदिर के समीप प्रतिनियुक्त पदाधिकारी एवं पुलिस के जवानों को कई निर्देश दिया. हालांकि भगदड़ के बाद से जिला प्रशासन ने काफी संख्या में पुलिसबल की तैनाती किया है, जिससे मंदिर परिसर में भीड़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हो रही है. वहीं वाणावर स्थित बाबा सिद्धनाथ मंदिर में पहुंचे श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का दर्शन नहीं कर पाते हैं. जिला प्रशासन के निर्देश पर मंदिर परिसर के मुख्य द्वार पर ही अर्घा सिस्टम लगा दिया गया है जहां मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं को जलाभिषेक कर वापस लौटना पड़ता है. इस बाबत श्रद्धालुओं ने बताया कि कठिन पहाड़ को चढ़ने के बाद मंदिर पहुंचने पर भी बाबा भोलेनाथ का दर्शन नहीं होता है.
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