मां का साया छिनते ही अपने हुए बेगाने

।। आलोक कुमार ।।जहानाबाद : हम पढ़-लिख कर पुलिस अफसर बनेंगे. अपने पिता और उसके वहशी दोस्त (दुष्कर्म का आरोपित) सरीखे समाज में छिपे अपराधियों को कड़ी सजा दिलायेंगे. कच्ची उम्र, लेकिन परिपक्व सोच. महज आठ और 10 साल की दो नाबालिग बहनों (मारपीट और दुष्कर्म पीड़ित) का जज्बा काबिले तारीफ है. महिला थाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:49 PM

।। आलोक कुमार ।।
जहानाबाद : हम पढ़-लिख कर पुलिस अफसर बनेंगे. अपने पिता और उसके वहशी दोस्त (दुष्कर्म का आरोपित) सरीखे समाज में छिपे अपराधियों को कड़ी सजा दिलायेंगे. कच्ची उम्र, लेकिन परिपक्व सोच. महज आठ और 10 साल की दो नाबालिग बहनों (मारपीट और दुष्कर्म पीड़ित) का जज्बा काबिले तारीफ है.

महिला थाने के परिसर में शनिवार शाम क्रिकेट खेल कर मन बहलाती सुधा और संध्या (काल्पनिक नाम) सगे चाचा-चाची के साथ भी अपने घर जाने को तैयार नहीं हुई. गत दिनों जिले में चर्चित रही इस जघन्य घटना की साक्षी इन बहनों ने बातचीत में हमउम्र लड़कियों के लिए ’मिसाल’ बनने का संकल्प दिखाया. उनका कहना है कि अगर प्रशासनिक मदद से उन्हें पढ़ाई-लिखाई का सही माहौल मिला, तो निश्चित ही बढ़िया परिणाम देकर बेहतर मुकाम हासिल करेंगी. अपने साथ हुई ज्यादती का जिक्र करती हुई उनके मासूम चेहरे गुस्से से तमतमा उठे.

औरंगाबाद जिले के सिम्हारिया गांव निवासी अशोक पांडे की इन बेटियों ने सपने में भी नहीं सोंचा होगा कि इतनी कम उम्र में ही ऐसी दरिंदगी का सामना करना पड़ेगा. गैर तो गैर, उन्हें अपने खून से भी ममत्व नहीं मिला. मां का साया छिनते ही सारे सगे बेगाने हो गये. परिजनों ने अछूत बना दिया. सुधा ने बताया कि पहले सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. ट्रैक्टर डीलर रहे उसके पिता ने पीरो में किराये के एक मकान में दोनों बहनों को रख कर पढ़ाना शुरू किया.

इस बीच उसके पिता को शराब की लत लगी और बुरी संगत के कारण एक हत्या के मुकदमे में जेल चला गया. इस बीच उसकी मां अपने मायके में रहने लगी और आग से जल जाने के कारण उसकी मौत हो गयी. कत्ल के आरोपित पिता की जेल में ही परसबिगहा थाना क्षेत्र के तुरकौल निवासी अनिल से मुलाकात हुई. फिर दोनों में इतनी दोस्ती हो गयी कि उसके पिता ने उनकी देख-रेख की जिम्मेवारी अनिल को दे डाली.

अनिल उसके पिता से पहले जेल से रिहा हो गया और दोनों बहनों को अपने गांव तुरकौल ले आया. यहीं से दोनों बहनों की पीड़ा बढ़ी. बाद में अनिल की नीयत इस मासूम पर खराब हो गयी. गत पांच-छह माह से जबरन उससे वह यौन संबंध बनाने लगा. जब वह कुकृत्यों का विरोध करती तो मारपीट और उसके शरीर को नाखूनों से नोच-खसोट कर जख्मी कर देता. अनिल की पत्नी आशा देवी ने भी इन मजलूमों की कोई मदद नहीं की.

अंतत: खुद को असहाय देख वह परसबिगहा थाने पहुंची और थानाध्यक्ष से आपबीती सुनायी. पीड़िता के बयान पर पुलिस ने अनिल की पत्नी आशा देवी को गिरफ्तार कर लिया है तथा अनिल की तलाश की जा रही है. इधर, पुलिस ने दोनों बहनों का बयान न्यायालय में भी दर्ज कराया है. पीड़िता के मुताबिक उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली है. वह अपने शराबी पिता के घर नहीं जाना चाहती.

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