गरीब भूमिहीनों को बासगीत परचा दे सरकार
जहानाबाद (नगर) : शहर के तमाम भूमिहीन गरीबों को सरकार द्वारा घोषित तीन डिसमिल बासगीत जमीन देने, गैरमजरूआ जमीन पर कई दशक से बसे गरीबों को बासगीत परचा देने की मांग को लेकर भाकपा माले नगर कमेटी द्वारा अंचल कार्यालय के समक्ष धरनादिया गया. धरने के दौरान करीब 280 गरीबों ने अंचलाधिकारी को हाथ में […]
जहानाबाद (नगर) : शहर के तमाम भूमिहीन गरीबों को सरकार द्वारा घोषित तीन डिसमिल बासगीत जमीन देने, गैरमजरूआ जमीन पर कई दशक से बसे गरीबों को बासगीत परचा देने की मांग को लेकर भाकपा माले नगर कमेटी द्वारा अंचल कार्यालय के समक्ष धरनादिया गया.
धरने के दौरान करीब 280 गरीबों ने अंचलाधिकारी को हाथ में आवेदन सौंपा. कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए माले नगर सचिव संतोष केसरी ने कहा कि बिहार सरकार के पुराने कानून के तहत प्रत्येक गरीब भूमिहीन को 12 डिसमिल जमीन सरकार को देना है, लेकिन सरकार द्वारा गठित भूमि सुधार आयोग ने प्रत्येक गरीब भूमिहीन को 10डिसमिल जमीन देने की सिफारिश की थी, लेकिन लालू-राबड़ी की सरकार ने चार डिसमिल जमीन की देने की घोषणा प्रत्येक गरीब को किया था.
अब भाजपा-जदयू की निकम्मी सरकार तीनडिसमिल जमीन देने की घोषणा कई वर्षों से कर रही है है, लेकिन यह घोषणा सिर्फ घोषणा ही रह गयी है. नगर पर्षद क्षेत्र के एक भी गरीब भूमिहीन को अब तक सरकार द्वारा घोषित तीनडिसमिल जमीन मुहैया नहीं करायी गयी है. सरकार द्वारा महादलित और अतिपिछड़ों के विकास का नारा जनता को ठगने और धोखा देने का है. सरकार लगभग चार दशक से विभिन्न मुहल्लों में बसे गरीबों को बासगीत परचा देने के लिए कोई पहल नहीं किया है. धरने को गणोश दास, रामकृत मांझी, दीनानाथ दास, वसी अहमद, गरीब दास आदि ने संबोधित किया.