सजीं मसजिदें, तैयारियां पूरी
* जन्नत का दरवाजा खटखटाने का महीना है शबे बरात : बरकातीजहानाबाद (नगर) : शबे बरात आते ही जहां मसजिदों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. वही शबे बरात में इबादत करनेवालों ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं. बच्चे फुलझड़ियां और पटाखे छोड़ कर जहां इस रात खुशियां मनायेंगे वहीं मीठी पकवान बनाये […]
* जन्नत का दरवाजा खटखटाने का महीना है शबे बरात : बरकाती
जहानाबाद (नगर) : शबे बरात आते ही जहां मसजिदों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. वही शबे बरात में इबादत करनेवालों ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं. बच्चे फुलझड़ियां और पटाखे छोड़ कर जहां इस रात खुशियां मनायेंगे वहीं मीठी पकवान बनाये जाने की तमाम तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.
इस बाबत मसजिद गरेड़ियां खंड के मौलाना मो शमीम बरकाती कहते हैं कि रमजान में जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाते है, जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं और शैतानों को जकड़ दिये जाते हैं. उन्होंने कहा कि रमजान जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाने का महीना है तो शाबान (शबे-बरात) दरवाजे के खटखटाने का महीना है.
इस महीने अच्छे अमल करने चाहिए. दूसरी तरफ मदरसा फैजूल गोर्वा के कारी रहमतुल्लाह फैजी ने कहा कि शबे बरात बड़ी मुबारक रात है. इसमें नेक अमल करनी चाहिए, क्योंकि शबे बरात बख्शिश और मगफिरत की रात है. इसमें फरिश्ते पुकार-पुकार कर कहते हैं कि अल्लाह फरमाता है कि कोई जो मगफिरत मांगे मैं मगफिरत कर दूं. है कोई रोजी मांगनेवाला.
जिसे मैं रोजी दूं और है कोई दराजी ए उमर का चाहनेवाला जिसकी उमर बढ़ा दूं. उन्होंने कहा कि मो साहब फरमाते है कि बेशक अल्लाह ताला शबान की 15वीं रात को आसमाने दुनिया पर जलवा अफरोज होता है. और कबीला बने कलब की बकरियों के बालों से ज्यादा लोगों की मखफिरत फरमाता है.
शबे बरात की रात मुसलमान अपने घरों में चिराग करते है और हलवा और पूरी का फातेहा करके अपने पूर्वजों के रुहों को बख्शता है. शबे बरात गुनाहों से छुटकारे की रात है. यही कारण है कि मुसलमान भाई खूब इबादत कर अपने खुदा को मनाने का काम करते हैं.
* शबे बरात बख्शिश व मगफिरत की रात है : रहमतुल्लाह
* आज रात करेंगे इबादत
* बच्चे पटाखे छोड़ कर मनायेंगे खुशियां
* घरों में पकेंगी मीठी पकवान, घरों में होगा चिरागा