बीच सड़क पर बिगड़ा ट्रक, जाम में फंसा डीएम का काफिला
जहानाबाद : धुआं और धूप के बीच मंगलवार की दोपहर सैकड़ों वाहन घंटों सड़क जाम में फंसे रहे. ये नजारा शहर के अरवल मोड़ पर देखने को मिला. देखते ही देखते वाहनों की लंबी कतार लग गयी और काको मोड़ से बतीस भंवरिया तक बस जाम ही जाम दिखा. लोगों में थोड़ी आस भी जगी […]
जहानाबाद : धुआं और धूप के बीच मंगलवार की दोपहर सैकड़ों वाहन घंटों सड़क जाम में फंसे रहे. ये नजारा शहर के अरवल मोड़ पर देखने को मिला.
देखते ही देखते वाहनों की लंबी कतार लग गयी और काको मोड़ से बतीस भंवरिया तक बस जाम ही जाम दिखा. लोगों में थोड़ी आस भी जगी कि अब मिलेगी सड़क जाम से निजात, मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
दरअसल सड़क जाम के बीच ही डीएम साहब का काफिला हॉर्न बजाते हुए रांग साइड से किसी तरह आगे बढ़ता गया, मगर अस्पताल गेट जाते-जाते जाम में फंस गया. माटी के मूरत बने ट्रैफिक पुलिस वाले डीएम साहब की गाड़ी को सड़क जाम से निकालने के लिए सीटी बजाते रहे, ताकि डीएम साहब को भी लगे कि ये लोग प्रयासरत हैं.
थक-हार कर डीएम साहब के सुरक्षा गार्डो ने ही कसरत करना शुरू किया. लगभग आधे घंटे की कसरत के बाद हाकिम की गाड़ी को जाम से बाहर निकालने में सफल रहा. लेकिन, अन्य गाड़ियां घंटों तक रेंगती रही, तब जाकर जाम से बाहर निकली.
क्या था कारण : दरअसल दोपहर को अरवल मोड़ के समीप ही सड़क के बीचो-बीच एक ट्रक का गुल्ला टूट गया. ट्रैफिक वाले इस तमाशा को चुपचाप देखते रहे. नतीजतन शहर में एक दफा फिर वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गयी और सैकड़ों वाहन सड़क जाम में घंटों फंसे रहे.
ध्वस्त दिखा ट्रैफिक का सारा सिस्टम : शहर में लचर ट्रैफिक पुलिस की झलक देखने को मिली. जब हाकिम की गाड़ियां जाम में फंसती है, तभी इनकी सक्रियता देखने को मिलती है. ट्रैफिक पुलिस सिर्फ दिखावे के लिए खड़े रहते हैं. अगर बीच सड़क पर कोई हादसा हो जाय या कोई वाहन बिगड़ जाये, तो यातायात विभाग सिर्फ मूक दर्शक बना रहता है.
यहां सब कुछ शहर वासियों के रहम पर ही निर्भर है. नगर थाना या प्रशासनिक पहल से ही भले कुछ संभव हो जाये. हालांकि यातायात विभाग भी संसाधन विहीन है. इनके पास संसाधन के नाम पर एक खटारा जीप, बजाने को सीटी और चलाने को डंडा ही है. इस परिस्थिति में शहर की सड़कों पर अगर कोई बड़े वाहन खराब हो जायें तो उसे हटाने का प्रयास भी नहीं किया जा सकता.