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जहानाबाद जता रहा है जीतन से हमदर्दी
मांझी के पक्ष में गोलबंद हो रहे लोग सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जदयू विधानमंडल दल के नेता चुने गये पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर जिले में भी गोलबंदी साफ दिख रही है. हालांकि जिले के मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए विधायक मांझी के पक्ष में जनता अधिक एकजुट दिख रही […]
मांझी के पक्ष में गोलबंद हो रहे लोग
सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जदयू विधानमंडल दल के नेता चुने गये पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर जिले में भी गोलबंदी साफ दिख रही है. हालांकि जिले के मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए विधायक मांझी के पक्ष में जनता अधिक एकजुट दिख रही है. नीतीश को महादलित विरोधी के तौर पर भी लोग देख रहे हैं.
जहानाबाद:बीते दो दिनों में तेजी से बदले राजनीतिक हालात के बीच जिले की अवाम विचलित हैं कुछ लोग जहां स्थानीय नेता मांझी के अपदस्थ होने से जिले में विकास ठप पड़ जाने से सशंकित हैं, वहीं अधिकतर लोगों ने जदयू की आपसी लड़ाई में एक गरीब वर्ग से आनेवाले नेता की बलि दिये जाने की पीड़ा जतायी है. नीतीश कुमार को नया नेता चुने जाने, मांझी का इस्तीफा मांगा जाना, उन्हें जदयू से निकालना, राज्यपाल से दोनों नेताओं की मुलाकात से लोगबाग तरह-तरह की अटकलें भी लगा रहे हैं. राजनीति में दिलचस्पी रखनेवाले लोग व दूसरी पार्टियों के नेताओं की माने तो भले ही मांझी बहुमत साबित करें या फिर वे अपदस्थ कर दिये जायें हर हाल में नुकसान जिले की जनता को उठाना पड़ेगा. उनका प्रतिनिधि सूबे की सत्तासीन सरकार की अगुआई न क रे, ऐसा वे सपने में भी नहीं सोच सकते.
नेताओं में दिखी हमदर्दी
भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस, लोजपा और रालोसपा आदि राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं में भी मांझी को लेकर हमदर्दी है. कुछ नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मांझी का स्टैंड जो भी हो, उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद जिले में विकास की गतिविधियों को पूरे जोर से बढ़ाया, कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, बिजली-सड़क समेत हर क्षेत्र में जम कर काम हो रहा है. मांझी को हटाये जाने के खिलाफ नेताओं ने सुर में सुर मिलाए. उन्होंने कहा कि वर्तमान संवैधानिक संकट की स्थिति में अगर मांझी की कुरसी जाती है, तो जिले को खासकर गरीब-गुरबों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.
प्रदर्शन का सिलसिला जारी
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बने रहने और हटने के कयासों के बीच सोमवार को भी सड़क जाम और विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा. बुद्धिजीवियों और महादलित वर्ग में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है. बीते चार दिनों से जिस तरह रोष गहराता जा रहा है, उससे पुलिस प्रशासन की मुश्किलें भी बढ़ गयी हैं. एसडीएम मनोरंजन कुमार ने कहा कि हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है. लोगों को समझा-बुझा कर उनसे उग्र नहीं होने की अपील की गयी है. विधि-व्यवस्था को हर हाल में दुरुस्त रखा जायेगा.
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