जहानाबाद : पदयात्रा के बहाने आम-अवाम के बीच बेहतर संदेश देने निकले कांग्रेसी नेताओं की हवा निकल गयी. खुद चले थे लोगों को रिझाने, मगर जिले में ऐसा माजरा पसरा कि पदयात्रा महज तमाशा बन कर रह गयी. यात्रा पर निकले दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को संगीन के साये में यात्रा करनी पड़ी.
हालांकि ये किसान-मजदूर न्याय पदयात्रा का नाम देकर मगध की सरजमी पर पहुंचे थे, लेकिन इनका मकसद अधूरा रह गया. कांग्रेस के दो धरे एक-दूसरे से भिड़ते रहे. यात्रा पर पहुंचे कांग्रेसी नेताओं पर खूब टमाटर और अंडे उछाले गये. इतना ही नहीं, अपनों ने ही उन्हें काला झंडा तक दिखाया. फिर बीच सड़क को ही कुरुक्षेत्र बना डाला. दोनों धरा के दबंग लोग एक-दूसरे पर लाठियां बरसा कर खूब जोर आजमाइश की. कहा जाता है कि कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं की लड़ाई का नजारा खुल कर सामने आया.
वहीं, इस दरम्यान पदयात्रा पर पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने हंगामे के बाद एक ऐसा बयान दिया जो आग में घी का काम कर गया. फिलहाल पार्टी का यह अंदरूनी कलह रूकने वाला नहीं? प्रदेश अध्यक्ष ने दूसरे धरे के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ललकारते हुए कहा कि मैं भी मगध की धरती का ही बेटा हूं, मैं वो महावत हूं, जो पागल हाथी को भी अपने वश में कर सकता है. अगर हमारे कार्यकर्ताओं को छेड़ा, तो खून की नदी बहेगी.. यह बयान देकर वो भले ही जहानाबाद से रुखसत कर गये हों, मगर इसकी चिनगारी धीरे-धीरे आग का गोला बन रहा है. हालांकि तमाम राजनीतिक दल के लोगों ने खुले मंच से घटना और प्रदेश अध्यक्ष के बयान की तीखी निंदा की है.