दवा के लिए भटक रहे मरीज

सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिसिन की कमी जिले की बड़ी आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. इस कारण सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाओं की कमी से मरीज बेहाल हैं. सदर अस्पताल समेत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक उनका इलाज तो कर रहे हैं, लेकिन दवाएं समय से नहीं मिलने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2015 7:54 AM
सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिसिन की कमी
जिले की बड़ी आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. इस कारण सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाओं की कमी से मरीज बेहाल हैं. सदर अस्पताल समेत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक उनका इलाज तो कर रहे हैं, लेकिन दवाएं समय से नहीं मिलने से बीमारी कम होने के बजाय बढ़ जा रही हैं.
उनके पास इतने पैसे नहीं कि प्राइवेट क्लिनिक में इलाज कराने पहुंच सकें और दवाइयां खरीदना तो दूर की बात है. सरकारी अस्पतालों में एंटीबायोटिक और जीवनरक्षक दवाएं भी मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं है. वर्तमान परिस्थिति में हर आदमी को स्वस्थ रखने के सरकारी संकल्प पर ही सवाल उठने लगा है.
जहानाबाद (नगर) : जिले के सरकारी अस्पतालों में दवाओं के अभाव के कारण इलाज कराने आये मरीज व साथ आये परिजन परेशान हैं. वे लोग दवा के लिए दर-दर भटक रहे हैं. अस्पताल में न तो कोई जीवन रक्षक दवा ही उपलब्ध है और न ही अन्य दवाएं. इस कारण कर्मियों को प्रतिदिन मरीजों के कोप-भाजन का शिकार होना पड़ रहा है. सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आनेवाले मरीजों को जरूरी दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ रही हैं. हाल यह है कि दवाएं तो दूर स्टिच देने तथा ब्लीडिंग रोकने की दवा भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में मरीजों का इलाज कैसे होगा, यह एक मरीजों की बड़ी समस्या है.
एंटीबायोटिक्स भी नहीं मिल रही
सदर अस्पताल में एंपीलॉक्स को छोड़ कोई भी एंटीबायोटिक दवा उपलब्ध नहीं है. ओटी और डिलिवरी रूम में ब्लीडिंग रोकने की दवा फ्लूड आरएल के अलावा जीवन रक्षक दवाएं हिमोओक्सील, डेक्सोना, एविल, डायक्लोफेनिक भी उपलब्ध नहीं है. ऑपरेशन और डिलिवरी के समय हफनी होने पर दी जाने वाली दवा डेरिफाइलिन तथा खून की कमी होने पर दी जाने वाली दवा आयरन सुक्रोज भी उपलब्ध नहीं है.
33 में से 13 दवाएं ही उपलब्ध
हाल यह है कि डिलिवरी रूम में 22 इमरजेंसी और जरूरी दवाओं में से मात्र पांच दवाएं ही उपलब्ध हैं. यही हाल आपातकालीन सेवा में भी है. आउटडोर की 33 दवाओं में से मात्र 13 दवाएं ही सदर अस्पताल में उपलब्ध है. हाल यह है कि इलाज करने वाले चिकित्सक मरीजों को दवा लिखते ही यह नसीहत भी दे डालते हैं कि दवाएं उन्हें बाहर से लाना होगा. अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं है.

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