डूब जायेंगी सड़कें व गलियां!

मॉनसून आने में कुछ ही दिन शेष, नहीं हुई नालों की उड़ाही सूबे में 12 जून तक मॉनसून आने की संभावना है, परंतु अब तक अलगना पइन व देवरिया नाले की उड़ाही नहीं की गयी. शहर के पानी की निकासी इन्हीं दोनों नालों से होती है, जिसे विगत दस वर्षो से उड़ाही नहीं की गयी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2015 10:03 AM
मॉनसून आने में कुछ ही दिन शेष, नहीं हुई नालों की उड़ाही
सूबे में 12 जून तक मॉनसून आने की संभावना है, परंतु अब तक अलगना पइन व देवरिया नाले की उड़ाही नहीं की गयी. शहर के पानी की निकासी इन्हीं दोनों नालों से होती है, जिसे विगत दस वर्षो से उड़ाही नहीं की गयी.
हालांकि इसके लिए लोगों ने कई बार प्रतिनिधियों व अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान देना भी उचित नहीं समझा. नतीजा ऐसे में शहर में जलजमाव होना सुनिश्चित है. मॉनसून आने में चंद दिन शेष बचे हैं, नालों की स्थिति बहुत ही बदतर है. कहीं घर के लिए अतिक्रमण, तो कहीं खेती के लिए अवैध कब्जा. मुहाने जाम रहने से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है. इस परिस्थिति में अगर अच्छी बारिश हुई, तो शहर की सड़कें व गलियां डूब जाएंगी.
अलगना पइन और देवरिया नाले से होती है पानी की निकासी
10 वर्षो से नहीं की गयी है इन नालों की उड़ाही
जाम पड़े हैं दोनों नाले, नहीं हो पा रही पानी की निकासी
जहानाबाद (नगर) : 12 जून तक मॉनसून आने की संभावना है. यानी मॉनसून आने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में बरसात के पानी की निकासी कैसे हो, इसके लिए उपाय करना तो दूर, इस पर चर्चा के लिए बैठक तक नहीं की गयी. पूरे शहर के पानी की निकासी अलगना पइन व देवरिया नाले से होती है.
फिलहाल इन दोनों नालों के अस्तित्व पर संकट छाया हुआ है. कहीं घर के लिए अतिक्रमण, तो कहीं खेती के लिए अवैध कब्जा. नतीजा इन नालों से पानी की निकासी करीब-करीब बंद हो चुकी है. मुहाने जाम हैं. अगर हल्की सी भी बारिश हो जाये, तो उसे बाहर निकालने में ये दोनों नाले सक्षम नहीं हैं. ऐसे में अगर अच्छी बारिश हुई, तो पूरे शहर की सड़कें व गलियां डूब जायेंगी, लेकिन इस समस्या के प्रति न तो नगर पर्षद सचेत हुआ, न ही जिला प्रशासन.
चंद दिनों बार मॉनसून आयेगा, लेकिन न तो देवरिया नाले की उड़ाही की गयी, न ही अलगना पइन की. उड़ाही नहीं होने से अलगना पाइन और देवरिया नाला पूरी तरह से जाम है. नालों के जाम रहने से अगर जलजमाव की समस्या आयी, तो हजारों की आबादी प्रभावित होगी, लेकिन इन समस्याओं से नगर निकाय पूरी तरह अनजान है.

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