जनता दरबार में आये 47 मामले, डीडीसी ने निष्पादन का दिया आदेश
डीएम अलंकृता पांडेय के निर्देश पर डीडीसी धनंजय कुमार द्वारा विकास भवन के सभा कक्ष में जनता दरबार का आयोजन कर जिले के आमजनों के परिवादों को सुना गया. जनता दरबार में कुल 47 परिवाद प्राप्त हुए. जनता दरबार में भूमि विवाद, आवास योजना, भू-अर्जन, विद्युत, वृद्धावस्था पेंशन, आपसी विवाद, अभिलेखागार , राशन कार्ड एवं अन्य कार्यालयों से संबंधित है.
जहानाबाद नगर/अरवल
. डीएम अलंकृता पांडेय के निर्देश पर डीडीसी धनंजय कुमार द्वारा विकास भवन के सभा कक्ष में जनता दरबार का आयोजन कर जिले के आमजनों के परिवादों को सुना गया. जनता दरबार में कुल 47 परिवाद प्राप्त हुए. जनता दरबार में भूमि विवाद, आवास योजना, भू-अर्जन, विद्युत, वृद्धावस्था पेंशन, आपसी विवाद, अभिलेखागार , राशन कार्ड एवं अन्य कार्यालयों से संबंधित है.
जनता दरबार में आवेदक परमशीला देवी का इंदिरा आवास योजना का, राजकुमारी देवी का जमीन हड़पने से संबंधित, निरंजन कुमार का सीमांकन नहीं करने से संबंधित, संजय सिंह का अनुरक्षण राशि से संबंधित, कुंजबिहारी सिंह का जमीन मापी से संबंधित, अर्जुन पासवान का अंत्योदय राशन कार्ड से संबंधित मामले का आवेदन दिया गया. जनता दरबार में आए सभी परिवादियों की समस्याओं को सुना गया व सभी संबंधित पदाधिकारियों को सभी मामलों में विशेष रुप से ध्यान देते हुए ससमय निष्पादन करने का निर्देश दिया गया. डीडीसी द्वारा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जिला स्तर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निष्पादन ससमय करें, जिससे की परिवादी को लाभ मिल सके एवं उन्हें उनके शिकायतों के निमित्त संतोषजनक जवाब प्राप्त हो सके. जनता दरबार में प्राप्त परिवादों को संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित किया गया एवं कुछ मामलों में संबंधित पदाधिकारियों को दूरभाष पर सूचित करते हुए आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया. वैसे मामले जो लोक शिकायत निवारण अधिनियम के अंतर्गत आते हैं, उन्हें सुनवाई के लिए पंजीकृत किया गया और ऐसे मामले जो इसके अंतर्गत नहीं है उन पर कार्रवाई के लिए संबंधित पदाधिकारियों को त्वरित निष्पादन करने एवं प्रतिवेदन भेजने के लिए निर्देशित किया गया.
वहीं अरवल में भी डीएम के निर्देश पर जिला बंदोबस्त पदाधिकारी प्रभात कुमार झा द्वारा जनता दरबार का आयोजन किया गया. जनता दरबार में 23 परिवादियों के फरियाद को सुना गया. परिवादियों द्वारा भूमि विवाद, मारपीट, अनियमितता, अतिक्रमण, नल जल योजना, नली-गली, दाखिलखारिज, आवास योजना, जमाबंदी, मानदेय भुगतान, परिवहन विभाग, विद्युत विभाग, पीएचईडी विभाग, आईसीडीएस विभाग के साथ अन्य विभागों से संबंधित मामले थे
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