मुहल्ले डूबे, सड़कों पर घुटने भर पानी

जलजमाव : बारिश ने बिगाड़ी शहर की सूरत, खुली नगर पर्षद के सफाई अभियान की पोल जहानाबाद : बरसात के साथ ही शहरवासियों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है. बारिश से लगभग पूरे शहर में जलजमाव हो गया है. हर इलाके में गंदे पानी से होकर आवाजाही करने की लाचारी बन गयी है. राहगीरों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2015 8:18 AM
जलजमाव : बारिश ने बिगाड़ी शहर की सूरत, खुली नगर पर्षद के सफाई अभियान की पोल
जहानाबाद : बरसात के साथ ही शहरवासियों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है. बारिश से लगभग पूरे शहर में जलजमाव हो गया है. हर इलाके में गंदे पानी से होकर आवाजाही करने की लाचारी बन गयी है.
राहगीरों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. खासकर निचले इलाके में बारिश के पानी के चलते घर-बाहर हर जगह जलमग्न है. अधिकतर मुहल्लों में संपर्क पथों पर घुटने भर पानी जमा है. नाले-नालियां ओवर फ्लो होकर सरेराह बह रही है. शहर के राजाबाजार की हालत बहुत ही खराब है. रेलवे अंडरपास की मुसीबतों के अलावा यहां हर छोटे-बड़े इलाके में जलजमाव से अघोषित कफ्यरू जैसी स्थिति बन गयी है. विशेष कर बच्चे और बुजुर्गो को अधिक फजीहत उठानी पड़ रही है.
नहीं की गयी नालियों की उड़ाही
प्राय: बरसात आने से पूर्व होनेवाले नाले-नालियों की उड़ाही में भी इस बार नगर पर्षद पिछड़ गया है. अब तक शहर की अधिकतर नालियों की सफाई नहीं हो सकी है. ऐसे में भारी बारिश के कारण जाम हुई नालियों का पानी रास्ते पर बह रहा है. कोर्ट एरिया, गांधी मैदान, सदर प्रखंड, विशुनपुर, गड़ेरिया खंड, मुख्य बाजार, मलहचक, टेनी बिगहा, नया टोला और इरकी समेत कई वार्डो में नालियों की सही से सफाई नहीं होने से लोगों की परेशानियां बढ़ गयी हैं. इन जगहों पर शहरवासी वार्ड पार्षदों को कोस कर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.
सुध नहीं ले रही नियामक इकाई
शहर में लोगों को मूलभूत बुनियादी सुविधाएं जुटाने के लिए जवाबदेह नियामक इकाई नगर पर्षद उनकी सुध लेने तक को तैयार नहीं है. जलजमाव के लिए ऊंची-नीची सड़क को कारण बताते हुए नियामक इकाई अपनी जिम्मेवारियों से पल्ला झाड़ रही है.
नगर पर्षद की ओर से बताया गया कि कुछ जगहों पर पानी जमा रहने की सूचना लोगों ने दी है, लेकिन ऐसे इलाके से पानी निकालने में वह समर्थ नहीं हैं. सड़क से नीचे बसे ऐसे मुहल्लों में दिन के समय तो लोग किसी तरह आ-जा रहे हैं, पर रात के समय इन मुहल्लों के लोग जोखिम उठा कर अपने घर पहुंच रहे हैं.

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