लंबित हैं दो हजार से अधिक मामले
जन शिकायतों के निराकरण में कई विभाग नहीं ले रहे रुचि, नहीं मिल रहा न्याय जहानाबाद (नगर) : प्रत्येक सप्ताह में गुरुवार के दिन आमजन की समस्याओं को सुनने के लिए तथा उसका त्वरित निष्पादन करते हुए फरियादी को न्याय दिलाने के लिए जनता दरबार का आयोजन किया जाता है. जनता दरबार में प्रतिदिन सैकड़ों […]
जन शिकायतों के निराकरण में कई विभाग नहीं ले रहे रुचि, नहीं मिल रहा न्याय
जहानाबाद (नगर) : प्रत्येक सप्ताह में गुरुवार के दिन आमजन की समस्याओं को सुनने के लिए तथा उसका त्वरित निष्पादन करते हुए फरियादी को न्याय दिलाने के लिए जनता दरबार का आयोजन किया जाता है.
जनता दरबार में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में फरियादी अपनी शिकायत लेकर इस आशा के साथ पहुंचते हैं की उनकी शिकायतों का निराकरण होगा तथा उन्हें न्याय मिलेगा, लेकिन आमजन की शिकायतों के निष्पादन में कई विभाग काफी सुस्ती बरत रहा है, जिससे फरियादी को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है तथा प्रत्येक जनता दरबार में वे उपस्थित होकर अपनी फरियाद प्रशासन के समक्ष सुना रहे हैं.
कुछ फरियादी जो सक्षम हैं, वे जनता दरबार के अलावा आयुक्त मगध प्रमंडल, मुख्य सचिव पटना, मुख्यमंत्री जन शिकायत कोषांग तथा प्रधानमंत्री जन शिकायत कोषांग तक अपनी शिकायत पहुंचा रहे हैं, लेकिन जब यह शिकायत संबंधित विभागों के पास निष्पादन के लिए पहुंच रही है, तो संबंधित पदाधिकारी द्वारा इसमें विशेष रुचि नहीं दिखायी जा रही है.
यही कारण है कि जिले में करीब दो हजार से अधिक जन शिकायत से संबंधित मामले निष्पादन के लिए लंबित हैं. इसमें सबसे अधिक मामला उपविकास आयुक्त कार्यालय से संबंधित है, जबकि बिजली विभाग, शिक्षा विभाग, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अपर समाहर्ता राजस्व, जिला योजना शाखा, अंचलाधिकारी, पीएचइडी, कृषि विभाग, आपूर्ति विभाग आदि से संबंधित भी दर्जनों मामले लंबित हैं.
नये पदाधिकारी के आने से निष्पादन में आयी तेजी : अपर समाहर्ता विभागीय जांच ज्ञान शंकर दास की सेवानिवृत्ति के उपरांत विशेष शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाये जाने से जन शिकायतों के निष्पादन में तेजी आयी है. नये पदाधिकारी आम जनों की शिकायतों को पूरी गंभीरता एवं तत्परता के साथ सुनने के साथ ही उसे संबंधित विभाग के पास निष्पादन के लिए भेज देते हैं.
जनशिकायतों का निष्पादन शीघ्र हो, इसके लिए इ-मेल के माध्यम से संबंधित पदाधिकारियों के पास शिकायतों को भेजा जा रहा है, ताकि समय की बचत हो और मामले का निष्पादन शीघ्र कराया जा सके. नये पदाधिकारी द्वारा सभी विभागों को एक सप्ताह के अंदर वर्ष 2013 तक के लंबित मामलों के निष्पादन कर उसका जवाब उपलब्ध कराने को कहा गया है.