आशा, ममता, कुरियर को सरकारी सेवक घोषित करें

जहानाबाद (नगर) : बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने आशा, ममता, कुरियर को सरकारी सेवक घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 22 जून को की गयी घोषणा को यथाशीघ्र लागू की जाये. इससे पूर्व कर्मियों द्वारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2015 8:16 AM
जहानाबाद (नगर) : बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने आशा, ममता, कुरियर को सरकारी सेवक घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 22 जून को की गयी घोषणा को यथाशीघ्र लागू की जाये.
इससे पूर्व कर्मियों द्वारा सदर अस्पताल परिसर से एक रैली निकाली गयी जो मुख्य मार्ग होते हुए जिला समाहरणालय पहुंच कर प्रदर्शन में तब्दील हो गया. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि आशा, ममता, कुरियर को सरकारी सेवक घोषित की जाये.
जब तक उन्हें सरकारी सेवक घोषित नहीं की जाती है, उक्त अवधि में मजदूर का दर्जा देते हुए 15 हजार रुपये न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाये. कुरियर को न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाये तथा उसे स्वास्थ्य विभाग के अधीन चलनेवाले विभिन्न कार्यक्रमों एवं अस्पतालों में 30 दिन का कार्य उपलब्ध कराया जाये. आशा, ममता एवं कुरियर के बकाये राशि का भुगतान किया जाये. साथ ही बीपीएल परिवार को मिलनेवाली तमाम सुविधाएं दी जाये.
सेवा अवधि 60 वर्ष की आयु तक मानते हुए सामाजिक सुरक्षा के तहत इपीएफ पेंशन, आम आदमी बीमा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना एवं कार्य अवधि मे मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये. कुरियर को ड्रेस, साइकिल, बरसाती कोट, मोबाइल रिचार्ज कूपन के साथ उपलब्ध कराया जाये. प्रदर्शनकारियों को जिला मंत्री रणविजय सिंह ने संबोधित किया.

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