दो वार्ड पार्षदों पर गाज गिरनी तय

जहानाबाद : नगर पर्षद के मुख्य पार्षद और उपमुख्य पार्षद पर लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के गिर जाने के एक पखवारा बाद फिर से स्थानीय निकाय की राजनीति गरमा गयी है. वार्ड पार्षदों की आपसी खींचतान की गवाह बनी इस नियामक इकाई में ताजा हलचल राज्य निर्वाचन आयोग की एक चिट्ठी से मचा है. आयोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2015 12:24 AM
जहानाबाद : नगर पर्षद के मुख्य पार्षद और उपमुख्य पार्षद पर लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के गिर जाने के एक पखवारा बाद फिर से स्थानीय निकाय की राजनीति गरमा गयी है. वार्ड पार्षदों की आपसी खींचतान की गवाह बनी इस नियामक इकाई में ताजा हलचल राज्य निर्वाचन आयोग की एक चिट्ठी से मचा है.
आयोग के कारण पृच्छा सरसरी तौर पर देखें, तो दो वार्ड पार्षदों पर गाज गिरना तय है. वार्ड नंबर पांच के पार्षद मनोज कुमार और वार्ड नंबर 20 की पार्षद लीला देवी की सदस्यता रद्द करने के लिए रिपोर्ट की मांग की गयी है.
डीएम से दो हफ्ते में जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने की दरकार दर्शाते हुए कहा गया है कि मनोज कुमार के दो से अधिक बच्चे हैं, जो कि नियमानुकूल नहीं है, जबकि अधिकतम नगरपालिका अधिनियम के मुताबिक दो बच्चे तक ही पार्षद की अर्हता है. ऐसे में मनोज कुमार का पार्षद रहना अवैध माना जा रहा है. इधर, वार्ड पार्षद लीला देवी के बारे मे बीते चार बैठकों से अनुपस्थित रहने की सूचना मांगी गयी है. वह क्रमश: 28 फरवरी, 10 मई, 18 जून, 2014 और सात जुलाई की कुल चार बैठकों में शामिल नहीं हुई थीं.
वार्ड नंबर 16 के पार्षद मो मुश्ताक और वार्ड नंबर 32 के पार्षद मो कलामउद्दीन ने इन मामलों में अपनी आपत्ति आयोग में दर्ज करायी थी. ऐसे वार्ड पार्षदों पर नये सिरे से उठाये गये सवालों को लेकर एक बार फिर नगर पर्षद में उथल-पुथल की संभावना बढ़ गयी है.
लता देवी और देवकांत की स्थायी समिति से छुट्टी
नगर पर्षद की सशक्त स्थायी समिति से दो वार्ड पार्षदों की छुट्टी कर दी गयी है. उन्हें समिति से बाहर का रास्ता दिखाने के पीछे कारण एक बार फिर तेज हो रही गुटबाजी को माना जा रहा है.
मुख्य पार्षद देवकली देवी ने नगरपालिका अधिनियम की धारा 27 का हवाला देते हुए दोनों पार्षदों पर अपने कार्यो में संजीदगी नहीं दिखाने और कर्तव्यों के प्रति लापरवाह होने जैसे गंभीर आरोप लगाये गये हैं.
लता देवी और देवकांत शर्मा के बदले मो मुश्ताक तथा पूनम कुमारी को सशक्त स्थायी समिति में शामिल किया गया है. इधर, लता देवी ने बीते दिन लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि पर्षद में गुटबाजी के कारण उसे हटाया गया है. मुख्य पार्षद खेमा यहां अपने समर्थक पार्षदों को बिठाने के फेर में उसके साथ ज्यादती कर रहे हैं.

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