श्राद्ध में आठ सौ लोगों ने खाया था खाना, सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ी
कोहराम : मखदुमपुर रेफरल अस्पताल में लोगों का हुआ इलाज, मची रही अफरा-तफरी मखदुमपुर प्रखंड क्षेत्र के सोलहंडा गांव में सोमवार की रात श्राद्ध का भोज खाने से सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ गयी. खास कर देर रात जिन लोगों ने खाना खाया उनकी हालत कुछ ज्यादा ही खराब हो गयी. इस तरह विषाक्त भोजन […]
कोहराम : मखदुमपुर रेफरल अस्पताल में लोगों का हुआ इलाज, मची रही अफरा-तफरी
मखदुमपुर प्रखंड क्षेत्र के सोलहंडा गांव में सोमवार की रात श्राद्ध का भोज खाने से सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ गयी. खास कर देर रात जिन लोगों ने खाना खाया उनकी हालत कुछ ज्यादा ही खराब हो गयी. इस तरह विषाक्त भोजन की चपेट में गांव-जेवार के सैकड़ों लोग आ गये. जिनकी हालत मंगलवार की सुबह से बिगड़ने लगी. देखते-ही-देखते अस्पताल में बेड कम पर गये और लोगों को जमीन पर लेटा कर इलाज कराना पड़ा.
जहानाबाद : सोमवार की देर रात सोलहणंडा गांव में कामाख्य नारायण सिंह के घर उनकी मां के श्राद्ध का भोज था. गांव-जेवार के सैकड़ों लोग गोतियारो निभाने पहुंचे थे. भोज तकरीबन छह बजे शुरू हो गया था. लोग आते गये और पंगत में बैठ कर भोजन करते गये. शुरुआती क्षणों में जिन लोगों ने खाना खाया उनकी हालत ठीक रही, मगर देर रात भोजन करनेवालों की हालत पहले बिगड़ने लगी.
ग्रामीणों ने कहा कि भोजन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं थी, फिर भी लोगों की तबीयत बिगड़ी है, जो जांच का विषय है. भोज में करीब 800 से अधिक लोगों ने भोजन किया.
गांव के विंद टोला तथा पलेया नट टोला के लोग दर्जनों की संख्या में कै-दस्त से आक्रांत हो गये. जिन्हें इलाज के लिए रेफरल अस्पताल ले जाया गया. देखते ही देखते 200 से अधिक लोगों की हालत बिगड़ गयी. उनका इलाज रेफरल अस्पताल में कराया जा रहा है.
एसएसबी के जवान दे रहे पहरा
श्राद्ध में भोजन करनेवाले लोगों की तबीयत बिगड़ने के कारण गांव में तनाव की स्थिति बन गयी है. जिन लोगों के परिजन बीमार पड़े हैं, वे काफी आक्रोशित हैं. हालात को सामान्य बनाये रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा गांव के समीप एसएसबी के जवानों को ऐहतियातन तैनात करा दिया गया है, ताकि किसी भी परिस्थिति से निबटा जा सके.
विषाक्त भोजन का मामला
सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सोलहंडा का मामला डायरिया का नहीं, बल्कि फूड प्वाइजनिंग का है.
विषाक्त भोजन खाने के कारण ही लोगों की हालत बिगड़ी है. अचानक कै-दस्त होने से गांव के लोग दहशत में आ गये और डायरिया समझ लिया. अस्पताल पहुंचे सभी लोगों की हालत खतरे से बाहर है. चिंता की बात नहीं है, सबकुछ सामान्य हो गया है. तबीयत ठीक होते ही लोग अब धीरे-धीरे घर जा रहे हैं.