बंद रहीं दवा दुकानें, मरीजों की फजीहत

बंद रहीं दवा दुकानें, मरीजों की फजीहतजहानाबाद (नगर).ऑनलाइन दवा खरीद-बिक्री के खिलाफ जिले की सभी दवा दुकानें बुधवार को बंद रहीं. दवा दुकानें बंद रहने के कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलना पड़ा तथा वे दवा के लिए इधर-उधर भटकते देखे गये. बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर ऑनलाइन दवा खरीद -बिक्री के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2015 9:23 PM

बंद रहीं दवा दुकानें, मरीजों की फजीहतजहानाबाद (नगर).ऑनलाइन दवा खरीद-बिक्री के खिलाफ जिले की सभी दवा दुकानें बुधवार को बंद रहीं. दवा दुकानें बंद रहने के कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलना पड़ा तथा वे दवा के लिए इधर-उधर भटकते देखे गये. बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर ऑनलाइन दवा खरीद -बिक्री के खिलाफ दवा दुकानें बंद रहने का काफी असर देखा गया. विशेष कर मुख्यालय की अधिकतर दुकानें बंद रहीं. जिसके कारण मरीजों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल का सहारा लेना पड़ा. सरकारी अस्पताल में संचालित जेनरिक दवा दुकान खुला रहने के कारण मरीज जरूरी दवाएं वहां से खरीदते दिखे. एसोसिएशन से जुड़े दवा दुकानदारों का कहना था कि ऑनलाइन दवा खरीद-बिक्री के आदेश से उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. दवा दुकानदार दवाओं की ऑनलाइन खरीद-बिक्री पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे. दवा दुकानें बंद रहने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा. वे चिकित्सक के पास अपने मर्ज का इलाज तो करा लिये, लेकिन उन्हें जरूरी दवाएं नहीं मिलीं. इक्का -दुक्का जो दुकानें खुलीं भी उसके पास सभी तरह की दवाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीज भटकते रहे. कुछ इमरजेंसी मरीज दवा दुकान बंद रहने के कारण निजी क्लिनिक में इलाज कराने के बजाय सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराना मुनासिब समझा. जहां उन्हें कुछ दवाएं तो मिल गयीं. जिससे परिजनों ने थोड़ी राहत महसूस की.

Next Article

Exit mobile version