अन्याय पर न्याय की जीत दरसाता है मुहर्रम
अन्याय पर न्याय की जीत दरसाता है मुहर्रम कुर्था (अरवल). कुर्था, मानिकपुर व मोतेपुर के गांवों में मुर्हरम की तैयारियां शुरू हो गयी हैं. मुहर्रम में निकलेवाले ताजियों का पहलाम 24 अक्तूबर को होगा. इस बाबत मो जमालुद्दीन अंसारी ने बताया कि मुहर्रम की पांचवीं तारीख से इमामबाड़ों पर फातिहा (पूजा) शुरू हो जाती है. […]
अन्याय पर न्याय की जीत दरसाता है मुहर्रम कुर्था (अरवल). कुर्था, मानिकपुर व मोतेपुर के गांवों में मुर्हरम की तैयारियां शुरू हो गयी हैं. मुहर्रम में निकलेवाले ताजियों का पहलाम 24 अक्तूबर को होगा. इस बाबत मो जमालुद्दीन अंसारी ने बताया कि मुहर्रम की पांचवीं तारीख से इमामबाड़ों पर फातिहा (पूजा) शुरू हो जाती है. यह पर्व हसन-हुसैन की शहादत की याद दिलाता है. शनिवार को मुहर्रम की तीन तारीख थी. सोमवार से ताजियादारी शुरू हो जायेगी. वर्षों पूर्व यहूदियों द्वारा जुल्म ढाया जाता था तथा यहूदी अनवरत मुसलिम धर्मावलंबियों को अपने को अल्लाह का दर्जा मांगा जाता था. तब हसन-हुसैन ने इस बात से इनकार किया तथा यहूदियों से करबला के मैदान में लगातार जंग की तथा जंग करते-करते हसन- – हुसैन ने यहूदियों को मार डाला तथा स्वयं भी शहादत हो गये. तब से हसन-हुसैन की याद में मुहर्रम की दस तारीख को करबला मेें ताजियों (ताबूत) का पहलाम किया जाता है. यह पर्व अन्याय पर न्याय की जीत को दरसाता है.