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हाय राम ! कब दूर होगा सड़क जाम ……

शहरी : क्षेत्र के अरवल मोड़ का इलाका सड़क जाम का पर्याय बन गया है. एम्बुलेस में रोगी के साथ बैठे उनके परिजनों की बेचैनी , परीक्षा, व इंटरव्यू सहित जरूरी काम पर निकले लोगों की व्यथा . जिनके हर मिनट का मोल है. मगर आये दिन सड़कों पर लगने वाला जाम न जाने कितनी […]

शहरी : क्षेत्र के अरवल मोड़ का इलाका सड़क जाम का पर्याय बन गया है. एम्बुलेस में रोगी के साथ बैठे उनके परिजनों की बेचैनी , परीक्षा, व इंटरव्यू सहित जरूरी काम पर निकले लोगों की व्यथा .

जिनके हर मिनट का मोल है. मगर आये दिन सड़कों पर लगने वाला जाम न जाने कितनी जिंदगियों के सपने को लील लेगा. सड़कों का अतिक्रमण, पार्किंग की व्यवस्था का अभाव, सड़क पर ही बस व टेंपो स्टैंड के संचालन के साथ ही ट्रैफिक रूल्स को नहीं मानने की मानसिकता लगने वाले सड़क जाम का कारण बन गया है. जहानाबाद. स्कूल खुलते ही बस पर सवार बच्चों की व्यथा सोमवार को एक बार फिर सड़कों पर देखने को मिला.

अरवल मोड़ के समीप घंटों सड़क जाम में परेशान दिखे बच्चे . साथ ही आम यात्रियों की भी खूब फजीहत हुई. जरूरी काम से घर से निकले लोग भी घंटों इंतजार के बाद गंतव्य के लिए रवाना हुए . धूप और धूल फांकते लोगों की व्यथा सुनने वाला कोई नहीं था. कहने को तो शहर के चौक-चौराहों पर ट्रैफिक के जवान तैनात हैं.

मगर इनकी भूमिका मूकदर्शक से ज्यादा कुछ भी नहीं. जाम हो या महाजाम इन्हें तो बस अपनी ड्यूटी निभाने की आदत सी पड़ गयी है.किस रूट पर अधिक जाम :शहर के अरवल मोड़ राजा बाजार स्थित रेलवे पुल , पटना-गया मुख्य पथ पर स्थित दरधा पुल, मलहचक मोड़ व काको मोड़ पर जाम लग रहा है. स्थानीय अरवल मोड़ के समीप जहानाबाद अरवल पथ पर स्थित रेलवे पुल के नीचे सुबह से ही जाम लगने का जो सिलसिला शुरू होता है वह शाम तक बना रहता है. वहीं रेल पुल के नीचे जाम लगते ही अरवल मोड़ की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है. दरधा पुल पर सुबह और शाम में जाम लगना मानो तय रहता है.

मलहचक मोड़ पर सुबह व दोपहर में अवश्य जाम लगता है. जाम में फंसे लोग सबसे ज्यादा दोपहर में परेशान होते हैं. यहां विशेष समय में लगता है जाम :यूं तो शहर की कमोवेश सभी सड़कों पर घंटे-दो घंटे के अंतराल पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. मगर, ऑफिस के वक्त का समय सुबह 8 बजे से 10 बजे के बीच शहर के अधिकतर चौक-चौराहे पर जाम की वजह से लोग कराह उठते है. मुख्य सड़क हो या शहर को जोड़ने वाली गली- मुहल्ले की सड़कें सभी जाम का शिकार हो जाती है.

कमोवेेश यही स्थिति ऑफिस व स्कूल की छुट्टी होने के बाद नजर आती है. अब जाम में फंसा सायरन बजाता एम्बुलेस हो या अग्निशमन की गाड़ी या फिर स्कूली वाहन बीच स़ड़क पर वाहनों के चिल्ल-पो के बीच फंसने के बाद जाम हटने के इंतजार के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं रह जाता है. अतिक्रमण बन रहा जाम का कारण :अरवल मोड़ के समीप स्थित रेल पुल का संकरा होना तथा उसके नीचे बना गड्ढा जाम लगने का प्रमुख कारण है.

साथ ही व्यवसायियों द्वारा अरवल मोड़ से रेलवे पुल के बीच में ट्रक से अनलोडिंग करवाना भी प्रमुख कारण है. इन दिनों शहरी क्षेत्र के एनएच पर अतिक्रमणकारियों ने अपना नया बसेरा बनाया है. जहां -तहां सड़कों पर व्यवसाय फैलाये फूटपाथी दुकानदारों को कोई टोकने वाला भी नहीं है. आये दिन वाहनों को साइड लेने में भी दिक्कतें होती है. वहीं बस व टेंपो चालकों द्वारा बीच सड़क पर ही वाहन रोककर यात्री बैठाना भी एक अहम कारण है. पार्किंग की क्या है व्यवस्था :शहर में लगातार निजी बैंकों के साथ ही शो-रूम व दुकानों की संख्या बढ़ती जा रही है, हालांकि इनमें इक्के -दुक्के दुकानदारों के पास ही वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध है. अधिकतर के पास पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. उधर, शहर में लगने वाले रोज-रोज के जाम को देखते हुए नगर परिषद द्वारा शहर के कई स्थल चिह्नित कर शुल्क पार्किंग प्लेस की व्यवस्था की योजना है. हालांकि लोगों की पार्किंग प्लेस पर अपने वाहनों को खड़ा करने के प्रति लोगों की उदासीनता के कारण शहर केअधिकतर पार्किंग प्लेस बंद हो गये हैं. जाम से बीमारी का खतरा :अक्सर जाम लगना लोगों के लिए खतरनाक है. जाम के कारण प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है. जिससे कई प्रकार के रोग उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है. अधिक देर तक जाम में फंसे रहने से सांस लेने में परेशानी , लंग्स कैंसर आदि का खतरा बना रहता है. – डा. केके राय

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