नहरों में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं

नहरों में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं सरकार की अव्यवस्था से किसानों के बीच काफी आक्रोशडीजल पंप सेट का लेना पड़ रहा है सहारावितरणियों में उचित मात्रा में पानी नहीं उपलब्ध कराये जाने से धान की फसल हुई बर्बाद अरवल(ग्रामीण). इंद्र भगवान की टेढ़ी नजर व सोन नहर प्रणाली में समुचित मात्रा में पानी नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2015 6:50 PM

नहरों में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं सरकार की अव्यवस्था से किसानों के बीच काफी आक्रोशडीजल पंप सेट का लेना पड़ रहा है सहारावितरणियों में उचित मात्रा में पानी नहीं उपलब्ध कराये जाने से धान की फसल हुई बर्बाद अरवल(ग्रामीण). इंद्र भगवान की टेढ़ी नजर व सोन नहर प्रणाली में समुचित मात्रा में पानी नहीं उपलब्ध होने के कारण कई गांवों में धान की फसल बर्बाद हो चुकी है. किसान थक हार कर वैसे फसल काटकर पशुओं के चारा के रूप में प्रयोग कर रहे हैं. सरकार की अव्यवस्था से किसानों के बीच काफी आक्रोश है. मालूम हो कि जिले क्षेत्र सिंचाई व्यवस्था के रूप में कलेर व अरवल प्रखंड में सोन नहर प्रणाली मुख्य श्रोत है. इसके अलावा कई प्रखंडों में राज्य सरकार द्वारा नलकूप की व्यवस्था वर्षों पूर्व की गयी थी. लेकिन जिले क्षेत्र के किसानों के सामने नलकूप शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. मुख्य सोन नहर से जिले के किसानों को सिंचाई के लिए अंग्रेजी हुकूमत के समय से ही कई उपवितरणियों का निर्माण कराया गया था. लेकिन देख-रेख के अभाव में कई वितरणियों की उड़ाही कार्य नहीं कराया गया . मुख्य नहर के आधा दर्जन गांवों मंडैला, हसनपुर, ओझा बिगहा, बैदराबाद, भगवान बिगहा, बेला बिगहा के किसानों के खेत में समुचित जल प्रबंधन के अभाव में पानी नहीं मिल पा रहा है. इसका मुख्य कारण मुख्य नहर में जितना जल स्तर होना चाहिए उतना विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जिसके कारण इन गांवों के किसानों को डीजल पंप का सहारा लेना पड़ रहा है. हसनपुर निवासी जयेंद्र सिंह ने बताया कि डीजल मशीन से सिंचाई करने के बावजूद भी एक बीघे में लगी धान की फसल को नहीं बचा पाये. अरुण शर्मा ने बताया कि वर्षा के अभाव व सोन नहर में समुचित मात्रा में पानी नहीं निकलने के कारण 50 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गया है. इसका असर रबी फसल पर भी पड़ने की आशंका है. मलु यादव, श्री यादव आदि ने बताया कि इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षा एक तो कम बारिश हुई है. वितरणियों में उचित मात्रा में पानी नहीं उपलब्ध कराये गये जिसके कारण धान की फसल बर्बाद हुई है.

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