जहानाबाद : लोगों की सुरक्षा के लिहाजन शहर के ऊंटा मोड़ के समीप स्थापित नाका नंबर एक की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है. इस नाका में काम करने वाले पुलिसकर्मी को उम्मीद लगी रहती है कि उनके रहते इसका कायाकल्प हो जाएगा.उनकी ऐसी उम्मीद धरी की धरी रह जाती है और उनका अन्यत्र तबादला हो जाता है.पर नाका नंबर एक की हालत यथावत है.
यह स्थिति यहां विगत 25 साल से बनी हुई है.मकान की हालत है जर्जर, राजकीय मिडिल स्कूल उंटा से सटे उत्तर एक छोटे से मकान में . यह नाका वर्षो से संचालित है. एक हवलदार सहित 20 आरक्षियों की ड्यूटी यहां लगी रहती है,जिनके जिम्मे शहर की सुरक्षा की जिम्मेवारी है.ऑफिस के नाम पर एक छोटा सा बरामदा है
जहां बरसात के दिनों में पानी की झटास गर्मी में तेज लू का दंश झेलते हुए यहां की पुलिस अपने कर्तव्यों को निभा रही है. बगल में एक हॉल है. उसी में सिपाही गण चौकी बिछाकर दिन-रात गुजारते हैं. वहां खाना बनाते हैं.