पकड़े गये दो हार्डकोर माओवादी

जहानाबाद. माओवादियों की सक्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हार्डकोर नक्सली जिले में हथियारों का सौदा करने झारखंड से पहुंच रहे हैं. हालांकि उन्हें एसटीएफ ने धर दबोचा.मिली जानकारी के अनुसार हथियारों का सौदा करने पलामू से जहानाबाद आये हार्डकोर माओवादी नंदा विश्वकर्मा एवं उसका अहम साथी निर्मल पासवान उर्फ मुटुर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2013 10:20 PM

जहानाबाद. माओवादियों की सक्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हार्डकोर नक्सली जिले में हथियारों का सौदा करने झारखंड से पहुंच रहे हैं. हालांकि उन्हें एसटीएफ ने धर दबोचा.मिली जानकारी के अनुसार हथियारों का सौदा करने पलामू से जहानाबाद आये हार्डकोर माओवादी नंदा विश्वकर्मा एवं उसका अहम साथी निर्मल पासवान उर्फ मुटुर शनिवार की सुबह पलामू एक्सप्रेस से जहानाबाद पहुंचा था. यहां पहुंच कर उसने आजाद शर्मा से सौदे की बात की. इसके बाद उसे सौदे के लिए शहर के गांधी मैदान में आजाद शर्मा ने बुलाया. शहर अनजान होने के कारण ये लोग टेंपो रिजर्व कर गांधी मैदान में पहुंचे. जहां पहुंचते हीं माओवादियों ने फिर आजाद से बात की. उसे कहा गया कि अपने साथ जिस दूसरे बंदे को लाये हो उसे वहीं छोड़ दो और तुम अकेले गांधी मैदान में प्रवेश करो. उसके बाद नंदा की मुलाकात आजाद से हुई. गांधी मैदान में बैठ कर ही हथियार का अस्सी हजार में सौदा तय हुआ. रकम लेने के बाद डिलिवरी के लिए उससे समय मांगा गया. और आजाद ने ही दोनों को ठहरने के लिए स्टेशन के समीप स्थित यात्री रेस्ट हाउस में कमरा बुक कराया. इसके बाद हथियार मिलने से पहले ही दोनों लोग एसटीएफ के हत्थे चढ़ गये.सूत्रों की मानें तो एसटीएफ वाले पहले इसे पूछताछ के लिए अपने साथ ले गये. पूछताछ के बाद दोनों माओवादियों को जहानाबाद पुलिस के हवाले कर दिया. एसपी ने बताया कि इन लोगों का मकसद हथियार का डिलींग करना था. हथियार का सौदा करनेवाला शख्स औरंगाबाद का था. जहानाबाद को सेंटर प्वांइट बना कर हथियार के सौदेबाजी की जा रही थी. पुलिस ने बताया कि दोनों लोगों की क्राइम हिस्ट्री को खंगाला जा रहा है. फिलवक्त मुटुर के बारे में पता चला है कि वह आठ वर्षो की सजा काट कर जेल से निकला है. सरेआम डकैती करने के आरोप में यह पकड़ा गया था. वहीं इसी घटना में इसके तीन अन्य साथियों को पब्लिक ने पीट-पीट कर मार दिया था. इसके तीन भाई भी बम विस्फोट में अलग-अलग जगहों पर मारे जा चुके हैं. मुटुर पर रेल थाना सासाराम, सोननगर और गया जिले में मामला दर्ज हैं. वहीं नंदा विश्वकर्मा की हिस्ट्री खंगाली जा रही है.

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